

चेन्नई, 02 सितंबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार ‘पूरी तरह’ अर्थव्यवस्था को खुला और पारदर्शी बनाएंगे। इससे अनुपालन का बोझ और कम होगा और छोटे व्यवसायों को लाभ होगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री आज तमिलनाडु स्थित सिटी यूनियन बैंक के 120वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रही थीं। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं। सीतारमण ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में, 56 करोड़ से ज्यादा जन-धन खाते खोले गए हैं, जिनमें कुल जमा राशि 2.68 लाख करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि इनमें से 67 फीसदी खाते ग्रामीण या अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं, जिसमें 56 फीसदी खाते महिलाओं के पास हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक खाता सिर्फ एक पासबुक नहीं है, बल्कि ये अवसरों का पासपोर्ट है, जो ऋण, बचत, बीमा और सम्मान तक पहुंच को सक्षम बनाता है। सीतारमण ने कहा कि भारत के अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने अपनी परिसंपत्ति गुणवत्ता में भारी सुधार दर्ज किया है, जिसके परिणामस्वरूप एनपीए में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों के लिए एक टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की है, जिसका स्पष्ट उद्देश्य नियमों को सरल बनाना, अनुपालन लागत कम करना एवं स्टार्टअप्स, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और उद्यमियों के लिए एक अधिक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि कल और परसों होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक के साथ अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों की योजनाबद्ध शुरुआत आने वाले महीनों में एक पूरी तरह से खुली और पारदर्शी अर्थव्यवस्था स्थापित करेगी और अनुपालन बोझ में और कमी लाएगी, जिससे छोटे व्यवसायों के लिए फलने-फूलना आसान हो जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
