HimachalPradesh

भारत को समझने के लिए ‘लोक संस्कृति’ का अध्ययन जरूरी : जे. नंद कुमार

एक दिवसीय कार्यशाला में प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक जे. नंद कुमार

हमीरपुर, 02 सितंबर (Udaipur Kiran) । एनआईटी हमीरपुर में उन्नत भारत अभियान और प्रज्ञा प्रवाह के संयुक्त तत्वावधान में पहली बार आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक जे. नंद कुमार ने कहा कि भारत के इतिहास को भारतीय दृष्टिकोण से पढ़ना, लिखना और समझना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत को पश्चिमी प्रभाव और औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त कराने के लिए ‘स्व’ के जागरण की आवश्यकता है, जिसके लिए लोक संस्कृति का गहन अध्ययन अनिवार्य है।

उन्होंने कहा कि भारतीय चिंतन धारा को सही दिशा देने के लिए विद्वानों के सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसमें भारत-केंद्रित शिक्षा को बढ़ावा दिया गया है। शोध पद्धति के भारतीयकरण की आवश्यकता पर भी उन्होंने बल दिया।

कार्यशाला की अध्यक्षता एनआईटी हमीरपुर के निदेशक प्रो. एच.एम. सूर्यवंशी ने की, जबकि कुलसचिव अर्चना ननौटी विशेष अतिथि रहीं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह एवं उन्नत भारत अभियान के समन्वयक डॉ. चन्द्र प्रकाश ने ‘विकसित भारत’ विषय पर प्रतिभागियों को उनके दायित्वों से अवगत कराया।

इस अवसर पर प्रज्ञा प्रवाह के संगठन तंत्र को हिमाचल प्रदेश में सुदृढ़ करने की दृष्टि से नई टीम की घोषणा भी की गई। प्रसिद्ध स्तंभकार व लेखक हेमांशु मिश्रा को प्रांत संयोजक तथा एचपीयू के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजेश शर्मा को सह-संयोजक नियुक्त किया गया। प्रांत कार्यकारिणी में डॉ. युद्धवीर पटियाल, डॉ. जसपाल खत्री, डॉ. राकेश शर्मा, डॉ. मोहिनी अरोड़ा, डॉ. नीलम ठाकुर, डॉ. कुलदीप शर्मा, डॉ. अशोक तिवारी और आईआईटी मंडी के डॉ. सूर्यप्रकाश को सदस्य मनोनीत किया गया।

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(Udaipur Kiran) शुक्ला

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