
—एपीडा ने वाराणसी एयरपोर्ट से कृषि निर्यात बढ़ाने के लिए क्षमता निर्माण पर दिया जोर
वाराणसी, 01 सितम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सोमवार को कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अफसरों ने बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बैठक किया। कृषि निर्यात संवर्धन के लिए क्षमता निर्माण विषयक बैठक की अध्यक्षता वाराणसी मंडलायुक्त एस राजलिंगम ने की।
बैठक में प्रतिभागियों ने कृषि निर्यात से जुड़ी कई चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया। इसमें प्रमुख रूप से कृषि उत्पादों के लिए एयरलाइंस द्वारा उच्च मालभाड़ा दरें, कार्गो स्थान की सीमाएं, ट्रांस-शिपमेंट बॉन्ड का प्रभावी उपयोग न होना जैसी समस्याओं को रखा गया। निर्यातकों को बताया गया कि वर्तमान वैश्विक अनिश्चितताओं और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार कृषि-निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण अंतरालों की पहचान करने और उन्हें दूर करने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है। इसी क्रम में एपीडा ने यह विशेष बैठक की।
कार्यक्रम में आईआईवीआर, आईआरआरआई और कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों ने तकनीकी सत्र आयोजित किए। जिनमें गुणवत्तापूर्ण उत्पादन, उन्नत किस्मों की खेती तथा गुड एग्रीकल्चरल प्रैक्टिसेज को अपनाने पर विशेष बल दिया गया। बैठक में प्रतिभागियों ने बताया कि एयरलाइंस के पास ट्रांस-शिपमेंट बॉन्ड तो उपलब्ध हैं, परंतु उनका उपयोग कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए नहीं किया जा रहा है। जिससे क्षेत्रीय किसानों और निर्यातकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। साथ ही, हाल ही में एयरलाइंस ने मालभाड़ा दरों में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है, जिससे कृषि उत्पादों का निर्यात और अधिक प्रभावित हो रहा है।
बैठक में मंडलायुक्त एस राजलिंगम ने बताया कि मंडलीय प्रशासन, एपीडा के साथ मिलकर वाराणसी से कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। एयरलाइंस द्वारा मालभाड़ा वृद्धि एवं ट्रांस-शिपमेंट बॉन्ड के उपयोग जैसे मुद्दों को नागरिक उड्डयन मंत्रालय और सम्बंधित एयरलाइंस के समक्ष गंभीरता से उठाया जाएगा। एपीडा के क्षेत्रीय प्रभारी डॉ. सी.बी. सिंह ने कहा कि एपीडा निरंतर प्रयासरत है कि वाराणसी हवाई अड्डे से कृषि निर्यात को प्रोत्साहित किया जा सके। एयरफ्रेट की दरों में हुई वृद्धि का मुद्दा भी उठाया गया है। हम किसानों, एफपीओ एवं निर्यातकों को अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ने के लिए निरंतर कार्य करते रहेंगे। वर्ष 2019 में जब एपीडा ने वाराणसी में काम शुरू किया था तब हवाई अड्डे से नाशवंत उत्पादों का निर्यात शून्य था। लेकिन वित्तीय वर्ष 2024-25 तक यह निर्यात बढ़कर 1000 मीट्रिक टन से अधिक हो गया।
चालू वित्तीय वर्ष (2025-26) के केवल पहले पांच महीनों में ही 500 मीट्रिक टन से अधिक निर्यात दर्ज किया गया है। वाराणसी से अब तक कई कृषि उत्पाद जैसे हरी मिर्च, भिंडी, परवल, करेला, कुंदरु, आम आदि का सफल निर्यात किया जा चुका है, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छी मांग बनी हुई है। इसके अतिरिक्त, फूल, सिंघाड़ा, करौंदा, केला आदि की ट्रायल शिपमेंट भी एपीडा की पहल पर की गई है। कार्यक्रम में निदेशक हवाई अड्डा , कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), पादप संगरोध विभाग (पीक्यू), कृषि विपरण, अंतर्राष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) एवं भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर) के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने भी भाग लिया।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
