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छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने से अधिकारों का हनन नहीं, खारिज करें याचिका-विवि

हाईकाेर्ट

जयपुर, 01 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट में राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए दायर याचिका में विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अपना जवाब पेश किया गया है। जवाब में कहा गया कि छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने से याचिकाकर्ता के किसी अधिकार का हनन नहीं होता है। ऐसे में याचिका को खारिज किया जाए। अदालत में जय राव व अन्य की ओर से दायर इस याचिका पर 3 सितंबर को सुनवाई होनी है।

विवि प्रशासन की ओर से जवाब में कहा गया कि सत्र 2023-24 में भी राज्य सरकार छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने का निर्णय लिया था। तब हितेश यादव व विकास ने इसे चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में कोई आदेश नहीं दिया था और यह याचिकाएं अभी भी लंबित चल रही है। याचिकाकर्ता की ओर से इस तथ्य की जानकारी अपनी याचिका के जरिए अदालत को नहीं दी गई। जवाब में विवि की ओर से कहा गया कि छात्रसंघ चुनाव लडना उसमें मतदान करना संवैधानिक और मूलभूत अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट भी तय कर चुका है कि विधायक और सांसद के लिए चुनाव लड़ना मौखिक अधिकार न होकर सिर्फ वैधानिक अधिकार है। इसके अलावा यूजीसी के 2018 के नियम के तहत 180 दिन का शैक्षणिक सत्र होना चाहिए। सेमेस्टर प्रणाली लागू होने के बाद 90 दिन के दो सेमेस्टर अनिवार्य हैं। ऐसे में यदि चुनाव हुए तो शैक्षणिक कैलेंडर गड़बड़ा जाएगा। वहीं छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने से याचिकाकर्ता के अधिकारों का हनन नहीं हो रहा है। ऐसे में याचिका को खारिज किया जाए। पूर्व में राज्य सरकार की ओर से अपने जवाब में कॉलेजों और विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने की बात कही जा चुकी है।

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(Udaipur Kiran)

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