
जयपुर, 01 सितंबर (Udaipur Kiran) । सीबीआई मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर प्रथम ने शिक्षक भर्ती-2022 पेपर लीक मामले में उदयपुर के सुखेर थाने में दर्ज एफआईआर में आरपीएससी के सदस्य रहे बाबूलाल कटारा को राहत देने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने आरोपी कटारा की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। पीठासीन अधिकारी खगेन्द्र कुमार शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी पर संवैधानिक पद पर रहते हुए एक ही प्रकार के अपराध की पुनरावृत्ति करने का गंभीर आरोप है। ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता।
जमानत अर्जी में कहा गया कि उसे प्रकरण में झूठा फंसाया गया है और वह लंबे समय से जेल में बंद है। जांच एजेंसी ने उसके खिलाफ जांच पूरी कर आरोप पत्र भी पेश कर दिया है। ऐसे में उससे कोई अनुसंधान या बरामदगी नहीं होनी है। उसे जेल में रहने के कारण उसके परिजनों को अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड रहा है। ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए। जिसका विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक भंवर सिंह चौहान ने कहा कि आरोपी शिक्षक भर्ती के प्रश्न पत्र को लीक करने में मुख्य भागीदार रहा है। वह राजस्थान लोक सेवा आयोग जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का सदस्य था और उसे इस प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्न पत्र बनाने का दायित्व सौंपा गया था। अभियोजन पक्ष के पास आरोपी के खिलाफ अपराध करने के पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। उसके खिलाफ इस प्रकरण के अलावा तीन अन्य प्रकरण भी दर्ज हैं। ऐसे में उसे जमानत नहीं दी जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि सुखेर थाना इलाके की एक होटल में परीक्षा के कई अभ्यर्थियों से लीक हुए पेपर को हल कराया जा रहा था। वहीं जांच के बाद पुलिस ने बाबूलाल कटारा सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
—————
(Udaipur Kiran)
