
उज्जैन, 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में इसी माह आकाशवाणी केंद्र के द्वारा एफएम 102.5 मेगाहर्ट्ज पर आजाव गूंजेगी। इस हेतु चयनित 68 उद्घोषक-कम्पीयर्स का प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। समापन समारोह विक्रम विवि की शलाका दीर्घा में आयोजित हुआ। उक्त प्रशिक्षण सतत शिक्षा अध्ययनशाला एवं पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला में प्रसार भारती द्वारा आयोजित किया गया था।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि विक्रम विवि की कार्यपरिषद् के सदस्य राजेशसिंह कुशवाह थे। अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने की। विशिष्ट अतिथि विद्या भारती मालवा प्रांत के प्रांतीय अध्यक्ष प्रकाशचंद्र धनगर, आकाशवाणी भोपाल के कार्यक्रम प्रमुख राजेश भट्ट,सतत् शिक्षा अध्ययनशाला के प्रभारी संचालक डॉ. सुशील कुमार शर्मा थे। आकाशवाणी,उज्जैन की कार्यक्रम प्रमुख अनामिका चक्रवर्ती, आकाशवाणी भोपाल से वरिष्ठ उद्घोषक पुरुषोत्तम श्रीवास, आकाशवाणी इंदौर से संजीव मालवीय तथा आकाशवाणी उज्जैन के प्रसारण अधिकारी सौरभ अवस्थी भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री कुशवाह ने कहाकि आकाशवाणी केंद्र, उज्जैन से जुडऩा मात्र रोजगार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। क्योंकि रेडियो पर उद्घोषक का चेहरा नहीं, आवाज़ ही उसकी पहचान होती है। उसी आवाज़ से श्रोता प्रसन्नता, दु:ख, करुणा और भावना का अनुभव करते हैं। यही कारण है कि रेडियो अब भी प्रासंगिक है और लोगों की संवेदनाओं को जोड़ता है। आकाशवाणी, उज्जैन केंद्र विश्वपटल पर सुना जाएगा। यह हमारे लिए गर्व की बात है। उन्होने कहा कि उज्जैन में आकाशवाणी केंद्र का प्रारंभ होना किसी आश्चर्य से कम नहीं है। देशभर में आकाशवाणी के कई केंद्र सीमित हो रहे हैं, वहीं उज्जैन में नया केंद्र खुलना मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दूरदृष्टि और संकल्प का परिणाम है। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहाकि यह उपलब्धि उज्जैन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगी।
कार्यक्रम के अध्यक्ष कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज नें प्रशिक्षणार्थियों की आवाज़ और प्रस्तुति की सराहना करते हुए सुझाव दिया कि माइक्रोफोन के सामने शब्दों के प्रभाव पर गहनता से विचार करना चाहिए, क्योंकि आवाज़ के माध्यम से ही श्रोताओं तक भाव पहुँचते हैं। उन्होंने उच्चारण की बारीकियों को बताया कि किस प्रकार जीभ-ओंठ-तालु और नासिका द्वारा ध्वनि निर्माण में योगदान दिया जाता हैं। उन्होंने बताया कि रेडियो आज भी जनसंचार का सबसे सशक्त और व्यापक माध्यम है। उन्होने प्रधानमंत्री के मन की बात जैसे कार्यक्रम के द्वारा करोड़ों श्रोताओं तक पहुंचने का उदाहरण प्रस्तुत किया।
आकाशवाणी,भोपाल के राजेश भट्ट ने बताया कि नए स्टूडियो के लिए मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृति पत्र सौंपा जा चुका है। शिघ्र ही आकाशवाणी केंद्र, उज्जैन की प्रसारण सेवाएँ प्रारंभ हो जाएंगी। यहां के प्रसारण को न्यूज़ ऑन एयर एप के माध्यम से पूरी दुनिया में सुना जा सकेगा। विद्या भारती मालवा प्रांत के प्रांतीय प्रमुख प्रकाशचंद्र धनगर ने आकाशवाणी की तुलना महाभारत काल की दिव्य आकाशवाणी से की और कहा कि जैसे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय केवल आवाज़ सुनाई दी थी, वैसे ही उद्घोषकों की पहचान भी उनकी आवाज़ से होगी। उन्होंने तकनीकी युग में भी रेडियो सुनने के महत्व को रेखांकित किया और बताया कि गाड़ी चलाते समय रेडियो ज्ञान और मनोरंजन दोनों प्रदान करता है।
उज्जैन की कार्यक्रम प्रमुख अनामिका चक्रवर्ती ने कहाकि यह स्टेशन केवल एक प्रसारण केंद्र नहीं, बल्कि एक परिवार है। इसे नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे। इंदौर से आए प्रशिक्षक संजीव मालवीय ने बताया कि 20 वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उन्हें एक बड़ी भीड़ से चयनित किया था और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम करने का अवसर दिया था। भोपाल से आए प्रशिक्षक पुरुषोत्तम श्रीवास ने प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों के सीखने की गति और आत्मविश्वास की प्रशंसा की। कार्यक्रम में सौरभ अवस्थी, डॉ. अजय शर्मा, डॉ. राजेश वर्मा, दिनेश दिग्गज उपस्थित थे। समारोह में ग्रामसभा से विनीत पाल, महिला सभा से श्वेता काबरा, युववानी से कल्याणी सुगंधी एवं उद्घोषक से गोपाल गर्वित ने अनुभव साझा किए। संचालन रश्मि बजाज ने किया।
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल
