
कोलकाता, 01 सितंबर (Udaipur Kiran) । स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) भर्ती घोटाले को लेकर विरोध कर रहे ‘योग्य’ नौकरी से वंचित शिक्षकों को सोमवार को बड़ा झटका लगा। कलकत्ता हाईकोर्ट ने उन्हें जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि प्रतिनिधिमंडल के रूप में पांच सदस्य, जिनमें याचिकाकर्ता सुमन विश्वास शामिल होंगे, शाम चार बजे आचार्य सदन स्थित एसएससी कार्यालय जाकर अपने मांगपत्र जमा कर सकते हैं।
दरअसल, करुणामयी से एसएससी भवन तक मार्च निकालने की मांग को पुलिस ने खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ शिक्षक नेता सुमन विश्वास ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने रैली पर रोक लगाते हुए सिर्फ प्रतिनिधिमंडल को मिलने की अनुमति दी।
इस बीच, सुबह से ही एसएससी भवन अभियान को लेकर तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। सुमन विश्वास के भाई संजय विश्वास ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें करुणामयी मेट्रो स्टेशन पर नीली शर्ट पहने एक व्यक्ति के साथ सुमन की धक्का-मुक्की होती दिख रही है। वीडियो में आरोप लगाया गया कि वह व्यक्ति पुलिस अधिकारी है और बिना किसी एफआईआर या केस दर्ज हुए ही सुमन को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि वीडियो में दिख रहे व्यक्ति ने आरोपों को बेबुनियाद बताया। इस वीडियो की स्वतंत्र पुष्टि अभी नहीं हुई है।
गौरतलब है कि इससे पहले 18 अगस्त को भी ‘योग्य’ नौकरी से वंचित शिक्षकों के आंदोलन के दौरान पुलिस ने सुमन विश्वास को हिरासत में लिया था। दावा किया गया था कि सुबह तड़के पुलिस उनके घर पहुंची, तलाशी ली और आदिसप्तग्राम स्टेशन से उन्हें पकड़कर कई घंटों तक मोगरा थाने में रखा गया था। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।
इधर, योग्य शिक्षकों के पक्ष में आंदोलन तेज करने के लिए चिन्मय मंडल, मृन्मय मंडल समेत छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी से मुलाकात की।
शिक्षकों की मांग है कि उनकी पुनर्नियुक्ति के लिए विधानसभा में विधेयक या अध्यादेश लाया जाए। हालांकि सिद्दीकी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सीधे विधानसभा में लागू करना संभव नहीं है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
