
बागपत, 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । पहाड़ों पर लगातार तेज बारिश के कारण ताजेवाला बैराज हथनीकुंड से तीन लाख क्यूसेक जल छोड़े जाने के बाद यमुना किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बागपत में यमुना जल से कटान और गांवों की और बढ़ते जलस्तर से सरकारी नलकूप पानी में समा गई।
बागपत में 11 बाढ़ चौकियों पर सिंचाई विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। बागपत में बाढ़ से निपटने के लिए 11 बाढ़ चौकियां सक्रिय की गई हैं। लेखपालों, एसडीएम और सिंचाई विभाग के कर्मचारियों को जिलाधिकारी ने सतर्क रहने और जल स्तर की निगरानी के निर्देश दिए हैं। एक साथ छोड़े गए तीन लाख 29 हजार क्यूसेक जल से अलर्ट है। दिल्ली एनसीआर में यह जल मंगलवार शाम तक पहुंचने का अनुमान है।
स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सतर्क रहने और नदी के किनारे न जाने की अपील की है।
जिलाधिकारी बागपत अस्मितालाल का कहना है कि जलस्तर और तटबंधों की निरंतर निगरानी की जा रही है। बाढ़ से प्रभावित होने वाले सम्भावित गांवों और बाढ़ चौकियों पर जरूरी सामान उपलब्ध कराया है। गोताखोर और नावों का इंतजाम किया गया है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि समस्त बाढ़ क्षेत्र की 11 चौकियों पर कर्मचारी तैनात रहें। बाढ़ कंट्रोल रूम सिंचाई विभाग 01234-251131 व 9412752348 पर कर्मचारी तैनात रहें और कोई भी समस्या है तो उसका तत्काल समाधान कराया जाए। बागपत में 11बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। तहसील बड़ौत में छह, बागपत में दो और खेकड़ा में तीन बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। इनमें अलीपुर और काठा तटबंधों के पास की चौकियां शामिल हैं।
(Udaipur Kiran) / सचिन त्यागी
