
बीकानेर, 31 अगस्त (Udaipur Kiran) । जिले के नाेखा कस्बे में गौतम लॉ चैम्बर (जीएलसी) ने आज अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं साइबर लॉ डिवीजन की लॉन्चिंग की घोषणा की। यह पहल परंपरागत न्यायिक अनुभव को अत्याधुनिक तकनीक से जोड़कर राजस्थान की विधिक सेवाओं को एक नए युग में प्रवेश कराती है। यह डिवीजन विशेष रूप से साइबर अपराध बचाव एवं डिजिटल फॉरेंसिक–फ़िशिंग, ऑनलाइन फ्रॉड, क्रिप्टो घोटाले, सेक्सटॉर्शन, साइबर स्टॉकिंग और डार्क वेब अपराधों से संबंधित केसों से जुड़ी सेवाएं प्रदान करेगा।
इसके साथ ही कॉरपोरेट साइबर एवं डाटा प्रोटेक्शन (DPDP अधिनियम, 2023) कम्प्लायंस ऑडिट, DPO-एज़-ए-सर्विस, डाटा ब्रीच प्रबंधन, और प्राइवेसी-बाय-डिज़ाइन एवं AI आधारित विधिक उपकरण – कॉन्ट्रैक्ट रिव्यू बॉट, मुकदमा पूर्वानुमान प्रणाली, ड्यू-डिलिजेंस ऑटोमेशन और ODR एवं आर्बिट्रेशन-टेक – ऑनलाइन विवाद समाधान मंच, AI-सहायता प्राप्त मध्यस्थता और ब्लॉकचेन एस्क्रो सेवाएं प्रदान करेगा।
वरिष्ठ साझेदार समिट संयोजक सुशील सैनी ने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल अदालतों में बचाव करना नहीं है, बल्कि व्यक्तियों, स्टार्टअप्स और कंपनियों को डिजिटल युग में सुरक्षित रखने के लिए सक्रिय उपकरण भी उपलब्ध कराना है। इस तकनीक की खास बात यह है कि ये 24×7 साइबर क्राइम डिफेंस हेल्पलाइन का उद्घाटन होगा जो लगातार सक्रिय रहेगी।
इस दौरान विनायक चितलांगी, अधिवक्ता संस्थापक, गौतम लॉ चैम्बर ने बताया कि AI एवं साइबर लॉ डिवीजन का शुभारंभ राजस्थान की विधिक दुनिया के लिए ऐतिहासिक क्षण है। विधिक विशेषज्ञता, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर फॉरेंसिक का संगम न्यायिक सेवाओं को भविष्य की आवश्यकताओं के लिए तैयार करेगा।
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(Udaipur Kiran) / राजीव
