
अनूपपुर, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में संतान की दीर्घायु,स्वास्थ्य कामना एवं खुशहाली के लिए माताओं ने शनिवार को को सप्तमी का पर्व श्रद्घा-भक्ति के साथ जिले भर में मनाया गया। विधान परंपरा के अनुसार संतान सुख के लिए गणपति,कार्तिक और गौरा-पार्वती की पूजा पाठ की एवं प्रसाद स्वरूप मीठे पुआ-पकवान सात भाग में अर्पित किए तथा चांदी के चूड़ों का अर्पण कर गौरा देवी से संतान की रक्षा का वर मांगा।
भारतीय सनातन परंपरा में भाद्र शुक्ल पक्ष की सप्तमी को माताएं अपने बच्चों की लम्बी आयु एवं उत्तम स्वास्थ्य के लिए उपवास रह कर पूजा पाठ करती हैं। यह व्रत विशेष रूप से संतान प्राप्ति,संतान रक्षा और संतान की उन्नति के लिए किया जाता है। व्रत में भगवान शिव और माता गौरी की पूजा का विधान है। सप्तमी का व्रत विशेष महत्व रखता हैं। शनिवार की सुबह से ही माताओं ने स्नान कर व्रत की तैयारी की। माताओं ने भगवान विष्णु एवं शिव की पूजा अर्चना कर व्रत किया। निराहार व्रत रह कर संतान की रक्षा की कामना करते हुए खीर पूड़ी तथा गुड़ के पुए बनाए। भोलेनाथ को कलावा अर्पित कराकर स्वयं धारण किया और इस व्रत की कथा सुनी। माताओं ने अपने बच्चों की सुख समृद्घि के लिए ईश्वर से कामना की।
मान्यता है कि संतान सप्तमी का व्रत लोमष ऋषि के कहने पर देवकी मइया ने किया था। इसके प्रभाव से स्वयं भगवान कृष्ण ने उनके गर्भ से जन्म लिया स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने भी इस व्रत का रहस्य धर्मराज युधिष्ठिर को बताया था।
(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला
