RAJASTHAN

भारत वह देवभूमि, महान भूमि है जहां देवी-देवता का राज था

रिट्रीट में मौजूद शाही परिवार के राजा-महाराजा।

आबूरोड, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मनमोहिनीवन स्थित ग्लोबल ऑडिटोरियम में दो दिवसीय रॉयल फैमिली स्प्रीचुअल रिट्रीट का शुभारंभ गुरुवार काे दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इसमें देशभर से राजा-महाराजा घराने के वंशज और रॉयल फैमिली के सदस्य भाग ले रहे हैं।

स्वागत सत्र में रॉयल हैरीटेज, रॉयल फ्यूचर वीडियो प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया गया। इसमें स्वर्णिम युग की झलक दिखाई गई। सभी राजाओं- महाराज के वंशजाें का शाही अंदाज में स्वागत किया गया।

उद्घाटन में ब्रह्माकुमारीज़ की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी दीदी ने कहा कि यह जीवन अमूल्य है। इसे सेवा और परमात्मा की याद में सफल करना है। सबसे पहले हमें यह जानना होगा कि मैं कौन हूं। मेरे जीवन को उद्देश्य क्या है। वास्तव में हम सभी आत्माएं हैं और यह जीवन महान कार्यों, दिव्य कार्यों के लिए मिला है।

अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके जयंती दीदी ने कहा कि जल्द ही भारत स्वर्णिम भारत बनने वाला है। भारत फिर से विश्व गुरु बनेगा। सोने की चिड़िया बनेगा। भारत ही वह देवभूमि है जहां देवी-देवता का राज करते थे। हम ऐसी महान और दिव्य संस्कृति वाले हैं। परमपिता शिव परमात्मा हम सभी मानव आत्माओं को राजयोग मेडिटेशन की शिक्षा दे रहे हैं। राजयोग से हम स्व के ऊपर राज करना अर्थात् स्वाराज्य सीख जाते हैं। वर्तमान परिस्थितियों में हम सभी को अपने मन को सशक्त और मजबूत करने की जरूरत है।

राजयोगिनी बीके मुन्नी दीदी ने कहा कि परमात्मा के घर में आप सभी राजा-महाराजाओं का स्वागत है। यह भगवान का घर, आपका घर है, यहां बार-बार आईए। अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा भाई ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्था का मुख्य उद्देश्य है स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन। जब एक-एक व्यक्ति बदलेगा तो जल्द ही इस धरा पर आदि पुरातन देवी-देवता सनातन संस्कृति होगी, रामराज्य आएगा। भारत फिर से भरपूर बनेगा। स्वर्णिम भारत बनेगा।

अतिरिक्त महासचिव डॉ. बीके मृत्युंजय भाई ने कहा कि आज देशभर के राजघराने के परिवार के सदस्यों को यहां देखकर बहुत खुशी हो रही है। भयमुक्त जीवन जीना सीखना हो तो ब्रह्माकुमारीज़ में ही सीखा जा सकता है। डॉ. प्रताप मिड्‌ढा ने भी संबोधित किया। मेहमानों ने शांतिवन, शिव भोलानाथ का भंडारा, सोलार पावर थर्मल प्लांट का भ्रमण किया।

महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री व डोंडाइचा के शाही परिवार के जयकुमार रावल ने कहा कि हमारे परिवार ने इतिहास में बलिदान दिया है। हमारा राजपरिवार और ब्रह्माकुमारीज़ समाज कल्याण, मानव कल्याण के कार्य में लगी हुई हैं। उदयपुर के महाराजा विश्वराज सिंह बहादुर ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ परिवार और हमारे राजघराने का पुराना रिश्ता रहा है। 1937 से शुरू हुआ यह संस्थान आज दुनिया के 140 से ज्यादा देशों में फैला हुआ है। संस्थान का उद्देश्य आध्यात्मिक जागरण और प्रगति है। लोग अध्यात्म से जुड़े, यही समय की मांग है। कुछ दशकों में देश-दुनिया में तेजी से सामाजिक बदलाव आए हैं। हमने तेजी से पश्चिमी सभ्यता को अपनाया है यह चिंतन का विषय है। यदि अध्यात्म और वैज्ञानिकता एक हो जाए तो दुनिया को बहुत फायदा होगा। महारानी महिमा कुमारी भी मौजूद रहीं छग सरगुजा-अंबिकापुर के महाराज व छग के पूर्व उपमुख्यमंत्री त्रिभुनानेश्वर शरण सिंह देव ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ परिवार से मैं हृदय से जुड़ा हूं। संस्थान लोगों में नैतिक मूल्यों और आध्यात्मिकता की शिक्षा देने के लिए सराहनीय कार्य कर रहा है। आज की युवा पीढ़ी को सही मार्गदर्शन की जरूरत है। युवराज आदितेश्वर शरण सिंह देव भी मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश रामपुर के नवाब सैय्यद मोहम्मद काज़िम अली खान बहादुर ने कहा कि मुझे यहां आने का अवसर मिला मैं बहुत खुश हूं। रामपुर में भी ब्रह्माकुमारीज़ का केंद्र है। हैदराबाद के आसफ जाही राजवंश के

निज़ाम नवाब रौनक यार खान ने कहा कि हैदराबाद में ब्रह्माकुमारीज़ के कार्यक्रमों में जाने का मौका मिला। संस्थान सामाजिक बदलाव के लिए अच्छा कार्य कर रही है। यहां आकर हर बार नई आध्यात्मिक ऊर्जा की अनुभूति होती है। महारानी मयूराक्षी सिंह के साथ आए बूंदी के महाराव राजा वंशवर्धन सिंह ने कहा कि मैं दूसरी बार माउंट आबू आया हूं। इसके पहले दो साल पहले ग्लोबल समिट में आना हुआ। किशनगढ़ की महारानी मीनाक्षी देवी ने कहा कि माउंट आबू अध्यात्म की भूमि है। यहां आकर बहुत खुशी हो रही है। सिरोही के शाही परिवार के महाराज देवव्रत सिंह बहादुर ने कहा कि महाभारत के इतिहास में वशिष्ठ आश्रम का बड़ा महत्व है। माउंट आबू में स्थित दिलवाड़ा मंदिर पूरे विश्व में अपनी नक्काशी के लिए जाना जाता है। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान बहुत ही सराहनीय सेवा कर रहा है। युवराज इंद्रेश्वर सिंह भी मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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