इटानगर, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । अरुणाचल प्रदेश के सियांग ज़िलांतर्गत पांगिन गांव में प्लास्टिक के बदले बांस, पत्तियों और हाथ से बनी कलाकृतियों को अपनाकर पर्यावरण-अनुकूल तरीके से आदि समुदाय ने सोलुंग उत्सव मनाया गया।
आदि समुदाय अपने त्योहार को सियांग ज़िला पर्यटन विभाग, मुहान, सोलंग समिति और पांगिन समुदाय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस उत्सव में दिखाया गया कि सांस्कृतिक गौरव पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी के साथ कैसे जुड़ सकता है।
मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने समाज के इस विचार की सराहना की और कहा कि सियांग ज़िला पर्यटन, मुहान, सोलंग समिति और पांगिन समुदाय का इस वर्ष सोलंग उत्सव मनाने के लिए एक साथ आना वाकई सराहनीय है।
जिन्होंने प्लास्टिक के बदले बांस और टोको की पत्तियों का इस्तेमाल करके, हाथ से पेंट किए गए बैनरों का इस्तेमाल करके और रीति-रिवाजों और पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करके, उन्होंने दिखाया कि सांस्कृतिक गौरव और पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी साथ-साथ चल सकते हैं।
आदि जीवन पर खुला संग्रहालय, बच्चों और महिलाओं के लिए पर्यावरण-कार्यशालाएं और आकर्षक प्रदर्शनों जैसी पहलों ने इस उत्सव को न केवल एक आयोजन, बल्कि एक अनुभव बना दिया, जो विरासत का सम्मान करते हुए स्थिरता को प्रेरित करता है। यह एक ऐसा मॉडल है जिसे सभी त्योहारों में दोहराया जाना चाहिए।
(Udaipur Kiran) / तागू निन्गी
