
प्रयागराज, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से संबद्ध स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय के अस्थि रोग विभाग की टीम ने जन्मजात रेडियोउलनार सिनोस्टोसिस से पीड़ित छह वर्षीय बालक अभिनय कुशवाहा के जन्मजात हाथ की गम्भीर विकृति का सफल ऑपरेशन कर नई मिसाल कायम की है। यह जानकारी गुरुवार को मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ. संतोष ने दी।
उन्होंने बताया कि छह वर्षीय बच्चे अभिनय को जन्मजात रेडियोउलनार सिनोस्टोसिस नामक दुर्लभ बीमारी थी। इस बीमारी में अग्रबाहु (फोरआर्म) की दो मुख्य हड्डियाँ—रेडियस और अल्ना—आपस में जुड़ जाती हैं, जिससे हाथ को घुमाना और सामान्य कार्य करना मुश्किल हो जाता है। इस कारण बच्चा खाने, लिखने और रोजमर्रा के कार्य भी सही से नहीं कर पाता था।
अस्थि रोग विशेषज्ञ एवं असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आनंद कुमार ने बताया कि इस तरह के मामलों में ऑपरेशन तकनीकी दृष्टि से बेहद कठिन होते हैं। बालक में प्रोनेशन डिफॉर्मिटी थी, जिसे ठीक करने के लिए बॉयड अप्रोच द्वारा ऑस्टियोक्लासिस तकनीक अपनाई गई। ऑपरेशन के दौरान हड्डी को सावधानी पूर्वक अलग करके सही स्थिति में लाया गया और हाथ को सामान्य मूवमेंट देने की व्यवस्था की गई।
इस जटिल शल्यक्रिया को सफल बनाने में डॉ. आनंद कुमार के साथ टीम में डॉ. सैफ़ और डॉ. कुलदीप शामिल रहे। जबकि एनेस्थीसिया विभाग से एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वैभव सिंह और डॉ.शुभी ने विशेष सहयोग दिया। ऑपरेशन के बाद बालक का हाथ सामान्य स्थिति में आ गया है और प्रोनेशन डिफॉर्मिटी पूरी तरह से ठीक हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि अब बच्चा भविष्य में सामान्य जीवन जी सकेगा।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) वी.के. पांडेय ने पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि एस.आर.एन. अस्पताल लगातार नई तकनीक और विशेषज्ञता के साथ मरीजों को आधुनिकतम इलाज उपलब्ध करा रहा है।
इस तरह की जटिल शल्यक्रिया का सफल होना विभाग की उपलब्धियों में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ता है। अभिनय के परिजनों ने डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनके परिवार के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है। अब उनके बेटे को सामान्य जीवन जीने का अवसर मिल सका है।
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(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल
