चंडीगढ़, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने डबवाली विधायक आदित्य देवीलाल के सवाल के लिखित जवाब में बताया कि बीते साढ़े छह साल में राज्य पुलिस और एसटीएफ ने नशा तस्करों पर जबरदस्त शिकंजा कसा है। पहली जनवरी, 2019 से 31 जुलाई, 2025 तक कुल 21,591 मामले दर्ज किए गए और 2,046 आरोपितों को अदालतों ने दोषी करार दिया। हालांकि विपक्ष का आरोप है कि नशाखोरी की समस्या लगातार बढ़ रही है और कई युवाओं की जान जा चुकी है, लेकिन सरकार का दावा है कि वह मादक पदार्थों की तस्करी को जड़ से खत्म करने के लिए कड़े कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद किए। इनमें 245 किलो से ज्यादा हेरोइन, 1,408 किलो चरस, 60,578 किलो गांजा, 1,912 किलो अफीम और 95 हजार किलो से ज्यादा डोडा पोस्त शामिल है। इसके अलावा कोकीन, एमडी/एमडीएमए, एलएसडी, एम्फेटामाइन और मेथैफेटामाइन जैसी महंगी ड्रग्स भी पकड़ी गईं। साथ ही लाखों की संख्या में कैप्सूल, गोलियां, बोतलें और इंजेक्शन भी बरामद हुए। जिलेवार आंकड़े चौंकाने वाले हैं। सबसे ज्यादा मामले सिरसा जिले में सामने आए, जहां 2,337 केस दर्ज हुए और 180 लोगों को सजा मिली। डबवाली में 1,587 केस, फतेहाबाद में 1,740, करनाल में 1,110, गुडग़ांव में 1,398 और रेवाड़ी में 450 मामले दर्ज किए गए। वहीं नूंह जिले में 250 केस दर्ज हुए, जिनमें 21 आरोपी दोषी पाए गए।
इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल ने नशा बड़ी समस्या बनने और इस अवधि में नशे से हुई मौतों का आंकड़ा भी मांगा था। मुख्यमंत्री की ओर से इसका ‘नहीं’ में जवाब दिया गया यानि सरकार ने एक तरह से नशे का प्रचलन बढ़ने से इनकार कर दिया। वहीं मरने वालों की संख्या नहीं बताई गई। विपक्ष का आरोप है कि नशाखोरी से सबसे ज्यादा युवा प्रभावित हो रहे हैं और सरकार के दावों के बावजूद मौतों का सिलसिला थमा नहीं है।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
