
जोधपुर, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । शहर में अखंड सौभाग्य की कामना के साथ महिलाओं द्वारा हरतालिका तीज पूजन मंगलवार को किया गया। महिलाओं ने शिव-पार्वती का निर्जला व्रत रखकर पूजा-अर्चना की।
हरतालिका तीज पर महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना के लिए निर्जल व्रत रखकर शिव पार्वती माता की पूजा अर्चना करती है। शास्त्रों के अनुसार मां पार्वती ने अपने पूर्व जन्म में भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए हिमालय पर गंगा के तट पर अपनी बाल्यावस्था में अधोमुखी होकर घोर तप किया। एक दिन महर्षि नारद भगवान विष्णु की ओर से पार्वतीजी के विवाह का प्रस्ताव लेकर मां पार्वती के पिता के पास पहुंचे, जिसे उन्होंने सहर्ष ही स्वीकार कर लिया। पिता ने जब मां पार्वती को उनके विवाह की बात बतलाई तो वह बहुत दुखी हो गई और जोर-जोर से विलाप करने लगी।
सखी के पूछने पर माता ने उसे बताया कि वह यह कठोर व्रत भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कर रही हैं जबकि उनके पिता उनका विवाह विष्णु से कराना चाहते हैं। तब सहेली की सलाह पर माता पार्वती घने वन में चली गई और वहां एक गुफा में जाकर भगवान शिव की आराधना में लीन हो गई। भाद्रपद तृतीया शुक्ल के दिन हस्त नक्षत्र को माता पार्वती ने रेत से शिवलिंग का निर्माण किया और भोलेनाथ की स्तुति में लीन होकर रात्रि जागरण किया। तब माता के इस कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और इच्छानुसार उनको अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। तब से हरतालिका तीज पर पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखा जाता है और शिव-पार्वती की पूजा की जाती है।
नेपाली समाज ने मनाई तीज :
नेपाली समाज भारत जोधपुर नगर समिति के तत्वावधान में हरितालिका तीज एम्स के सामने भाजपा कार्यालय परिसर में मनाया गया। जगत खडक़ा व सचिव गणेश सिंह ने बताया कि रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में समाज की महिलाओं ने पारम्परिक नृत्य व गायन प्रस्तुत किया।
(Udaipur Kiran) / सतीश
