
– भ्रष्टाचार और टीएमसी एक ही सिक्के के दो पहलू : भाजपा
कोलकाता, 25 अगस्त (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को मुर्शिदाबाद जिले के बड़त्रा से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक जीवन कृष्ण साहा को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी से पहले हुई नाटकीय घटनाओं और मोबाइल फोन नष्ट करने की कोशिश ने मामले को और तूल दे दिया है। इस कार्रवाई ने बंगाल में 2026 विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक घमासान को और तेज कर दिया है।
ईडी अधिकारियों के अनुसार, साहा ने छापेमारी की भनक लगते ही घर की बाउंड्री वॉल फांदकर भागने की कोशिश की, लेकिन केंद्रीय बलों और अधिकारियों ने पीछा कर उन्हें पास के खेत से पकड़ लिया। इस दौरान वे पूरी तरह भीगे और कपड़ों पर कीचड़ से लथपथ हालत में थे। वायरल वीडियो में उन्हें ईडी और सीआरपीएफ के जवानों के साथ कचरे से भरी जमीन से बाहर लाया जाता देखा गया।
जांचकर्ताओं का दावा है कि साहा ने सबूत मिटाने के लिए अपने दो मोबाइल फोन पास के नाले में फेंक दिए, जिन्हें बाद में बरामद कर लिया गया। अब इन फोन की फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी। साथ ही, ईडी ने साहा के रिश्तेदारों के रघुनाथगंज स्थित आवास और उनके निजी सहायक के बीरभूम स्थित घर पर भी छापेमारी की।
गिरफ्तारी के बाद तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा और केंद्र सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया। पार्टी ने साेशल मीडिशा एक्स पर लिखा -भाजपा दो ‘ई’ नीति पर काम करती है। पहला ‘ई’ है ईसी (निर्वाचन आयोग), जिसका इस्तेमाल वोटिंग अधिकार छीनने के लिए किया जाता है। अगर यह असफल हो जाए तो दूसरा ‘ई’ यानी ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को विपक्ष को कुचलने के लिए उतार दिया जाता है। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई नहीं बल्कि विपक्ष खत्म करने की तानाशाही है।
वरिष्ठ टीएमसी नेता जयप्रकाश मजूमदार ने कहा, साहा को पहले भी गिरफ्तार कर महीनों हिरासत में रखा गया था, लेकिन कुछ साबित नहीं हुआ। अब फिर चुनाव से ठीक पहले गिरफ्तारी की गई है। यह केवल बदले की राजनीति है।
भाजपा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि टीएमसी और भर्ती घोटाला एक ही चीज के पर्याय बन चुके हैं। राज्य भाजपा महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने कहा, जिन्होंने छात्रों का भविष्य लूटा, उन्हें गिरफ्तार क्यों न किया जाए? टीएमसी और भ्रष्टाचार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
तृणमूल कांग्रेस के विधायक को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गैर-सहयोग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उल्लेखनीय है कि अप्रैल, 2023 में उन्हें सीबीआई ने इसी मामले में गिरफ्तार किया था और बाद में जमानत पर रिहा किया गया था।
यह केस कोलकाता उच्च न्यायालय के आदेश पर दर्ज सीबीआई की एफआईआर से जुड़ा है, जिसमें ग्रुप सी, ग्रुप डी, कक्षा 9 से 12 तक के सहायक शिक्षक और प्राथमिक शिक्षक भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच हो रही है। अब तक ईडी इस घोटाले में चार चार्जशीट दाखिल कर चुकी है और पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी और पूर्व टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य सहित कई बड़े नाम गिरफ्तार हो चुके हैं।———————
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
