HimachalPradesh

जान जोखिम में डाल स्कूल जा रहे हैं बच्चे

जान जोखिम में डाल  पार कर रहे बरसाती नदी नाले ,सिरमौर के पोंटा क्षेत्र की घटना

नाहन, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब विकास खंड की छछेती पंचायत के क्यारी और डडवा गांव के स्कूली बच्चों की जान हर दिन खतरे में है। शिक्षा की अलख जगाने के लिए ये मासूम हर रोज उफनते बरसाती नालों को पार कर और खतरनाक पहाड़ी चढ़ाई चढ़कर स्कूल पहुंचते हैं। इन खतरनाक हालातों की तस्वीरें एक बार फिर प्रशासन और सरकारी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही हैं।

बारिश के दिनों में यह नाला उफान पर आ जाता है, जिसे पार करना बच्चों के लिए बेहद जोखिम भरा होता है। कई बार तो तेज बहाव के बीच इन मासूमों को एक-दूसरे का सहारा लेकर पार करना पड़ता है। यह सब शिक्षा पाने की जिद और मजबूरी का प्रतीक है क्योंकि इन गांवों के पास कोई हाई स्कूल मौजूद नहीं है।

सिर्फ स्कूल ही नहीं, ग्रामीणों को अस्पताल, राशन डिपो और अन्य जरूरी सेवाओं के लिए भी इसी जानलेवा रास्ते से गुजरना पड़ता है। नाले पर आज तक कोई पुल नहीं बन पाया है, न ही दूसरी तरफ कोई सुरक्षित सड़क या पगडंडी प्रशासन द्वारा तैयार की गई है। जो रास्ता पंचायत स्तर पर कभी बना था, वह अब भूस्खलन की भेंट चढ़ चुका है।

स्थानीय ग्राम पंचायत प्रधान रमेश कुमार का कहना है कि पुल और सड़क निर्माण के लिए डीपीआर तैयार हो चुकी है और जल्द ही अड़चनें दूर कर निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। मगर यह जल्द कब आएगा, इसका जवाब सालों से इंतजार कर रहे ग्रामीणों और विद्यार्थियों के पास नहीं है।

हैरानी की बात यह है कि बरसात के दिनों में जब स्थिति सबसे खराब होती है, तब कोई अधिकारी मौके पर हालात का जायजा लेने नहीं पहुंचता। प्रशासनिक उदासीनता का यह आलम है कि हर साल यही संकट दोहराया जाता है, और हर साल यह खबर बनती है लेकिन बरसात थमते ही मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।

स्थानीय लोगों की मांग है कि बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा के अधिकार को प्राथमिकता देते हुए यहां जल्द से जल्द पक्का पुल और ऑल वेदर सड़क का निर्माण किया जाए। यह केवल एक बुनियादी सुविधा नहीं, बल्कि इन मासूमों के भविष्य की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है।

(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर

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