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(राउंडअप) हिमाचल में भारी बारिश से हाहाकार, कांगड़ा के कई इलाके जलमग्न, 482 सड़कें बंद

कांगड़ा में बाढ़

शिमला, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मानसून की भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। शिमला सहित कई इलाकों में बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से तबाही मची है। चंबा में बादल फटने और लाहौल-स्पीति की चोटियों पर बर्फबारी से पहाड़ों में ठंड बढ़ गई है। मौसम विभाग ने 30 अगस्त तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।

’’पिछले 24 घंटों में भारी बारिश और 30 अगस्त तक यलो अलर्ट’’

बीते 24 घंटे में मंडी जिले के पंडोह में सबसे ज्यादा 123 मिमी बारिश हुई। इसके अलावा सोलन के कसौली में 105 मिमी, जोत में 104 मिमी, मंडी और करसोग में 68-68 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने अगले एक हफ्ते के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 25 अगस्त को उना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा और मंडी जिलों में, 26 अगस्त को इनमें शिमला और सिरमौर जिले भी शामिल होंगे। 27 अगस्त को मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में और 28 अगस्त को कुल्लू व मंडी जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी रहेगा। 29 व 30 अगस्त को भी येलो अलर्ट जारी किया गया है।

कांगड़ा के इंदौरा और जसूर में बाढ़ से बिगड़े हालात

कांगड़ा जिले के इंदौरा उपमंडल में जलभराव से नया सीडीपीओ ऑफिस और बाजार जलमग्न हो गए हैं। यहां पानी घुटनों तक भर गया है, जिससे लोगों को आवाजाही में दिक्कतें आ रही हैं। दुकानों का सामान खराब हो रहा है और सरकारी दफ्तर पानी में डूबे हुए हैं। फतेहपुर, नूरपुर और जवाली विधानसभा क्षेत्रों के कई हिस्से भी जलमग्न हैं। जिला के जसूर में गरेली खड्ड उफान पर है, जिससे रेलवे और बस पुल के पास पानी बह रहा है। पठानकोट-मंडी नेशनल हाईवे के बौड़ क्षेत्र में नदी लबालब भर गई है। प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों के किनारे न जाने और सतर्क रहने की अपील की है।

चंबा में बादल फटने और भूस्खलन से नुकसान, मणिमहेश यात्रा पर रोक

चंबा जिले के तलाई और महल के पास बादल फटने से नाले उफान पर आ गए हैं, जिससे गंदा पानी और दलदल घरों में घुस गया है। भारी बारिश के कारण कई बड़े पेड़ पानी के बहाव से नीचे आ गिरे हैं। बाथरी के पास दिल्ली से आ रही एचआरटीसी की वॉल्वो बस भूस्खलन से बची, जिसमें बस को थोड़ा नुकसान हुआ पर सभी यात्री सुरक्षित हैं। भटियात क्षेत्र के ग्राम पंचायत मेल के गांव तेई में भारी बारिश से लैंडस्लाइड हुआ, जिसमें दो घर क्षतिग्रस्त हो गए और छह अन्य मकानों को भी नुकसान पहुंचा है। प्रभावित लोग एक सरकारी स्कूल में शरण लिए हुए हैं। प्रशासन ने मणीमहेश यात्रा पर रोक लगा दी है और यात्रियों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। चंबा जिले की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी के कारण साच दर्रे का मार्ग भी बंद हो गया है।

कुल्लू में भूस्खलन की चपेट में आई बस, एक घायल

कुल्लू जिले की मणिकर्ण घाटी के सरसाड़ी में पहाड़ी से गिरी चट्टान से एक निजी बस का एक यात्री घायल हो गया है। घायल व्यक्ति को इलाज के लिए क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में भर्ती कराया गया है। भूस्खलन से एक कार को भी हल्का नुकसान हुआ है। कुल्लू जिले में जगह-जगह पत्थर गिरने और भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं, प्रशासन ने लोगों से सावधानी से यातायात करने को कहा है।

सोलन और बिलासपुर में भी भारी बारिश का असर

सोलन जिले के बद्दी में तेज बारिश के कारण नेशनल हाईवे 105 पर नदी जैसे हालात बन गए हैं, जिससे लोग जोखिम उठाकर सड़क पर सफर कर रहे हैं। बिलासपुर जिले के मेहला के समीप चंडीगढ़-मनाली फोरलेन पर भारी भूस्खलन हुआ है। इससे फोरलेन पूरी तरह बंद हो गई है। कई वाहनों की लंबी कतारें लगी हैं और यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कर्मचारी इसे जल्द बहाल करने में जुटे हैं।

मॉनसून सीजन में मरने वालों का आंकड़ा 303 पहुंचा

20 जून से जारी मानसून के दौरान अब तक 303 लोग बारिश से जुड़ी घटनाओं में मारे जा चुके हैं। 37 लोग लापता हैं और 360 घायल हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 51 मौतें हुई हैं, कांगड़ा में 48, चंबा में 36, शिमला में 28, किन्नौर और कुल्लू में 26-26 तथा अन्य जिलों में भी जान-माल का नुकसान हुआ है। अब तक 3,111 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिनमें से 684 मकान पूरी तरह टूट गए हैं। मंडी जिले में अकेले 1,486 मकानों को नुकसान पहुंचा है। 465 दुकानें और 2,766 पशुशालाएं भी नष्ट हो चुकी हैं। इस दौरान 1,833 पालतू पशु और 25,755 पोल्ट्री पक्षी भी मारे गए हैं।

भूस्खलन से दो राष्ट्रीय राजमार्ग और 482 सड़कें बंद

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार रविवार शाम तक प्रदेश में दो राष्ट्रीय राजमार्ग और 482 सड़कों पर आवाजाही बंद रही। मंडी में 245, कुल्लू में 101, चंबा में 82 और कांगड़ा में 21 सड़कें बंद हैं। कुल्लू जिले का आनी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग 305 और चंबा का चंबा-पठानकोट एनएच 154ए अवरुद्ध है। प्रदेश में 941 बिजली ट्रांसफार्मर और 95 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिसमें मंडी के 477 और चंबा के 409 ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं। मंडी व चंबा में 36-36 पेयजल योजनाएं ठप हैं।

फ्लैश फ्लड, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं

इस मानसून में प्रदेश में 77 बार फ्लैश फ्लड, 79 बार भूस्खलन और 40 बार बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। फ्लैश फ्लड की सबसे ज्यादा 42 घटनाएं लाहौल-स्पीति में हुई हैं। कुल्लू जिले में सबसे ज्यादा 15 भूस्खलन हुए हैं। मंडी जिले में 18 बार बादल फटे हैं, जबकि कुल्लू में 10, चंबा में 5, शिमला और लाहौल-स्पीति में 3-3 बार और किन्नौर में एक बार बादल फटा है। बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, ऊना, सोलन और सिरमौर में बादल फटने की कोई घटना नहीं हुई है।

प्रदेश को अब तक मानसून की वजह से करीब 2,388 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 1,310 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 769 करोड़ रुपये की क्षति हुई है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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