Madhya Pradesh

मंदसौरः पर्यूषण पर्व के पांचवें दिन प्रभु महावीर का हुआ जन्मवाचन, पालनाजी का जुलूस निकला

पर्यूषण पर्व के पांचवे दिन प्रभु महावीर का हुआ जन्मवाचन, जन्मोत्सव की मनी खुशियां, पालनाजी का जुलूस निकला

मंदसौर, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में नईआबादी स्थित श्री सहस्त्रफणा पार्श्वनाथ श्वेताम्बर जैन मंदिर (श्री आराधना भवन) में रविवार को पर्युषण महापर्व के पंचम दिवस प्रभु महावीर का जन्मवाचन महोत्सव मनाया गया। यहां चातुर्मास हेतु विराजित साध्वी शीलरेखाजी म.सा. आदि ठाणा 9 ने कल्पसूत्र में वर्णित भगवान श्री महावीर स्वामी का जन्म वृतान्त श्रवण कराया वैसे ही पुरे मंदिर में हर्षोल्लास का वातावरण निर्मित हो गया। त्रिशलानंनदन वीर की जय बोलो महावीर के जयकारों से मंदिर गुंज उठा। आराधना भवन मंदिर के हाल में उपस्थित सैकड़ों श्रावक श्राविकाओं ने जन्मवाचन होते ही अक्षत: उछाले और एक दूसरे को जन्मोत्सव की बधाई दी।

पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व के पंचम दिवस आराधना भवन मंदिर में प्रात:काल भगवान महावीर की माता त्रिशला के स्वप्न में आई 14 चीजों (सपनाजी) की बोलियां लगाई गई। इसके बाद मंदिर की वार्षिक बोलियां भी लगाई गई। इन दोनों प्रकार की बोली का धर्मलाभ भाग्यशाली परिवारों ने प्राप्त किया। इसके बाद साध्वी शीलरेखाजी म.सा. ने कल्पसूत्र में 24 तीर्थंकरों के गर्भ में रहने की अवधि और उसके बाद प्रभु महावीर के जन्म का वृतान्त श्रवण कराया। जैसे ही प्रभु महावीर का जन्म वृत्तांत श्रावक श्राविकाओं ने श्रवण किया वैसे ही पूरे मंदिर में हर्ष उल्लास का वातावरण निर्मित हो गया। धमार्लुजनों ने पालना जी को झूला झूलाया, श्रीफल बदारे और एक दूसरे को बधाईयां दी। जन्मवाचन के बाद पालनाजी का जुलुस पालनाजी की बोली लेने वाले महेन्द्र सोहनलाल चौरड़िया परिवार के यहां पहुंचा। मार्ग में कई स्थानों पर धमार्लुजनों ने पालनाजी के सामने नृत्य किया और प्रभुजी के जन्मवाचन पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की।

रविवार को पर्युषण महापर्व के पंचम दिवस कल्पसूत्र के वाचन के दौरान तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्मवाचन महोत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया। इस जन्मवाचन महोत्सव में पालनाजी की बोली लेने का धर्मलाभ चिमनलालजी करणकुमार बोकड़िया जैन परिवार ने लिया। जन्मवाचन के पश्चात् श्रीसंघ की उपस्थिति में चौधरी कॉलोनी से बेण्डबाजे के साथ पालनाजी का जुलूस निकाला गया। जिसमें बड़ी संख्या में धमार्लुजन शामिल हुये।

(Udaipur Kiran) / अशोक झलोया

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