
-मुख्यमंत्री ने कुरुक्षेत्र में दिया एकता और सांस्कृतिक गौरव का संदेश
चंडीगढ़, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पिछले कई वर्षों से विदेशों में भी अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, इसी कड़ी में इस बार अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव 12 से 14 सितंबर को इंडोनेशिया के बाली में मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री रविवार को कुरुक्षेत्र में गीता ज्ञान संस्थानम् में आयोजित ‘कृष्ण-कश्यप कुरुक्षेत्र तीर्थाटन-धर्मयात्रा’ के अवसर पर प्रबुद्धजनों को संबोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने की। मुख्यमंत्री ने गीता पूजन के साथ विधिवत रूप से समारोह की शुरुआत की।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि कश्मीरी हिंदू प्रकोष्ठ अपनी समृद्ध संस्कृति को बचाने और बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहा है। इस दिशा में युवाओं को आगे लाए जाने की आवश्यकता है, ताकि वह अपनी संस्कृति से जुड़ें और अपनी संस्कृति रीति-नीति को और आगे लेकर जाएं। यह सम्मेलन कश्मीर की समृद्ध विरासत को संजोता है, जो भारत की आत्मा से जुड़ा है। कुरुक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण ने गीता का अमर संदेश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीर ने कई विस्थापनों की पीड़ा झेली, फिर भी कश्मीरी हिंदुओं ने कर्म नहीं छोड़ा। 1990 में लाखों कश्मीरी हिंदू विस्थापित हुए, लेकिन उनकी विद्या और दृढ़ता ने उन्हें वैश्विक मंच पर स्थापित किया। यह उनके सामर्थ्य की ताकत को दर्शाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीरी हिंदुओं की वेदना को समझा और विस्थापितों के लिए अभूतपूर्व योजनाएं बनाई । कश्मीरी हिंदुओं के पुनर्वास के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि कश्मीर और कुरुक्षेत्र का आध्यात्मिक संबंध भारतीय संस्कृति की एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 और धारा 35-ए हटाकर अखंड भारत का सपना पूरा किया, जिससे कश्मीरी महिलाओं को संपत्ति का अधिकार मिला। करीब 2 लाख कश्मीरी हरियाणा में रह रहे हैं और विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। हरियाणा में विस्थापित कश्मीरी परिवारों के लिए शिक्षा में आरक्षण और हेरिटेज संरक्षण पर कार्य हो रहा है।
उन्होंने कश्मीरी हिंदू प्रकोष्ठ हरियाणा को इस आयोजन के लिए बधाई दी और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज को नमन करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से गीता ज्ञान संस्थानम् पूरी दुनिया में गीता का संदेश फैला रहा है।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि कश्मीरियों ने कुरुक्षेत्र में आकर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंध कुरुक्षेत्र के साथ प्रगाढ़ किए हैं। अब श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति के तत्वावधान में श्रीनगर में बड़े स्तर पर गीता महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। कश्मीर की भौगोलिक और आध्यात्मिकता महान है। उन्होंने कहा कि कश्मीर की आध्यात्मिक पहचान पुनः स्थापित करने का प्रयास हो रहा है। साहसिक कदमों से कश्मीर में स्थायी शांति का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
