
बीकानेर, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । इस बार गणेशोत्सव पर इकाे फ्रेंडली गौमय गणेश का निर्माण जोरों शोरों से चल रहा है। गौ धन मित्र ने इस वर्ष गणेशोत्सव हेतु 3 इंच से लेकर डेढ़ फीट के गौमय गणेश बनाए है जो कि अपने घर या बगीचे में ही विसर्जन कर सकते है। गौमय गणेश प्रतिमा बीज युक्त है जो इस ऋतु में प्रकृति को बीज युक्त होने के साथ साथ हमें पौध भी देती है।
गौ धन मित्र, बीकानेर राजस्थान के महेंद्र जाेशी ने बताया कि शास्त्रों में एकमात्र गौ के गोबर से बने हुए गणेश जी की मूर्ति के विसर्जन का ही विधान है। गोबर से गणेश एकमात्र प्रतीकात्मक है माता पार्वती द्वारा अपने शरीर के उबटन से गणेश जी को उत्पन्न करने का चूंकि गाय का गोबर हमारे शास्त्रों में पवित्र माना गया है इसीलिए गणेश जी का आह्वाहन गोबर की प्रतिमा बनाकर ही किया जाता है। इसीलिए एक शब्द प्रचलन में चल पड़ा “गोबर गणेश”। इसलिए पूजा, यज्ञ, हवन इत्यादि करते समय गोबर के गणेश का ही विधान है। जिसको बाद में नदी या पवित्र सरोवर या जलाशय में प्रवाहित करने का विधान बनाया गया। गौ धन मित्र 1000 के आस-पास मूर्तियां अभी तक बीकानेर से बाहर भेज चुके है और हजार के आस पास गौमय मूर्तियां बीकानेर के स्थानीय भक्तों के लिए तैयार है।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनाें बीकानेर आए राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को विधायक जेठानंद व्यास ने गौ धन मित्र की गौमय प्रतिमा भेंट की गई थी जिसकी भी चर्चा बनी हुए है।
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(Udaipur Kiran) / राजीव
