
-उत्तरी भारत के एकमात्र घेवर महोत्सव में विभिन्न राज्यों के लोगों ने चखा घेवर का स्वाद
पानीपत, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । पानीपत के चमराड़ा गांव में रविवार को तीसरा राष्ट्रीय घेवर महोत्सव आयोजित किया गया, जिसमें देश के छह राज्यों से आए घुमक्कड़ों और सामाजिक संगठनों के 60 से अधिक सदस्यों ने शुद्ध देसी घी के घेवर का स्वाद लिया। इस अनोखे महोत्सव में सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण और भारतीय संस्कृति पर चर्चा हुई।
रण राज प्राकृतिक खेती फार्म पर आयाेजित राष्ट्रीय घेवर महोत्सव के आयाेजक ने बताया कि ये समारोह सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने, समाज में सौहार्द और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिये आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में पर्यावरण सरंक्षण, स्वास्थ्य रक्षण और भारतीय संस्कृति के बारे में भी विशेष तौर पर चर्चा होती है। साथ ही पारम्परिक व्यंजनों और परम्पराओं को जिंदा रखने का भी प्रयास रहता है।
वर्षा ऋतु में घेवर का विशेष महत्व है। इसलिए वर्षा ऋतु में आयोजित होने वाले इस आयोजन का नाम घेवर महोत्सव रखा गया है। इस आयोजन में शुद्ध देशी घी का घेवर विशेष रूप से तैयार किया जाता है। इसी तरह रोहतक के गांव चिमनी में गाजरपाक महोत्सव सर्दी के मौसम में आयोजित किया जाता है।
उत्तर भारत में सबसे पहले इस तरह के महोत्सव की शुरुआत 18 अगस्त 2019 को गांव लोहारी स्थित आयुष वाटिका से हुई थी जिसमें देश भर से 100 से अधिक घुमक्कड़ों ने भाग लिया था। दूसरा घेवर महोत्सव भी लोहारी स्थित आयुष वाटिका में ही 27 अगस्त 2023 को आयोजित किया गया था इसमें भी विभिन्न घुमक्कड़ संघों व सामाजिक संगठनों के 90 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया था। इस कार्यक्रम में इस्तेमाल होने वाले सभी दोने पत्तल इत्यादि प्राकृतिक पेड़ पौधों से तैयार किये हुए थे ताकि पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुंचे।
इस बार के घेवर महोत्सव में घुमक्कड़ी दिल से, देशी घुमक्कड़, यायावरी, आरोग्य भारती, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आयुष) व अन्य कई संगठनों के कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित रहे। आज के कार्यक्रम में भारतवर्ष के 6 अलग-अलग राज्यों के घुमक्कड़ ने भाग लिया। घुमक्कड़ी दिल से समूह के ट्रस्टी संजय कौशिक व सदस्य रूपेश शर्मा, यायावरी से के. एल. निम्बल, आरोग्य भारती से डॉ. बलकार सिंह व डॉ. सुनीत बजाज, देशी घुमक्कड़ समूह से प्रदीप धौंचक व रणराज प्राकृतिक फार्म से सुधीर भुक्कर इस समारोह की आयोजन समिति के सदस्य रहे हैं, जिनकी देखरेख में आयोजन अच्छे से सम्पन्न हो पाया।
कार्यक्रम के दौरान आरोग्य भारती के पर्यावरण आयाम प्रमुख डॉ. भूपिंदर सिंह, जिला अध्यक्ष . सुनीत बजाज, प्रान्त सह सचिव डॉ. बलकार सिंह ने उपस्थित जनों को पर्यावरण सरंक्षण व स्वस्थ जीवन शैली के बारे में बताया। रणराज फार्म से सुधीर भुक्कर ने जैविक उत्पादों के महत्व के बारे में व जीडीएस के ट्रस्टी संजय कौशिक ने घुमक्कड़ी के राष्ट्रीय एकता में योगदान विषय पर चर्चा की। कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 9.30 बजे से हुआ और सायं 4 बजे तक चला। यायावरी से कश्मीरी निम्बल ने शुद्ध उत्पादों की पहचान के बारे में अवगत कराया। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के संगठन मंत्री डॉ. नरेश कुमार ने बढ़ती उम्र के साथ खान पान पर नियंत्रण से स्वास्थ्य पर जानकारी दी। देशी घुमक्कड़ से प्रदीप धौंचक ने सामाजिक समरसता बढ़ाने पर बल दिया। कार्यक्रम के दौरान फार्म पर आरोग्य वाटिका का भी रोपण किया गया। जिसमे दर्जन भर औषधीय पौधों का रोपण किया गया।
कार्यक्रम के मेजबान सुधीर पिछले 20 से अधिक वर्षों से जैविक कृषि करते आ रहे हैं। कार्यक्रम में शामिल होने वालों में मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश से अनिल यादव व साथी, बिहार से सत्येंद्र झा व उनके साथी, दिल्ली से कंवल कथूरिया , उत्तराखण्ड से मनु त्यागी व साथी वीरेंदर शेखावत व साथी राजस्थान से प्रीत कादयान व साथी, रोहतक से गाजरपाक महोत्सव के आयोजक प्रदीप कौशिक आदि उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / अनिल वर्मा
