West Bengal

जहां भी जाते हैं, रक्तदान करते हैं : सनी

69वीं बार रक्तदान करते सनी

69वीं बार रक्तदान कर बोले सनी — द ईयर जो औ“रक्तदान ही सबसे बड़ा दान”

हुगली/धनबाद, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । दो दशक पहले एक रक्तदान शिविर में हिस्सा लेने वाले सनी आज समाज के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। उनका कहना है कि रक्तदान से बड़ी सेवा कोई नहीं। जब भी मैं किसी ज़रूरतमंद की मदद कर पाता हूं, तो लगता है कि जीवन सार्थक हो गया।

रविवार को झारखंड के धनबाद में पथ प्रदर्शक मिशन द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में सनी ने 69वीं बार रक्तदान किया। इस मौके पर उन्होंने (Udaipur Kiran) से कहा कि वे जहां भी जाते हैं, कोशिश करते हैं कि वहां रक्तदान शिविर में शामिल हों या स्वयं रक्तदान कर लोगों को जागरूक करें।

सनी पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के छोटे से कस्बे रिषड़ा में रहते हैं।

सनी ने बताया कि रक्तदान उनकी आदत नहीं, बल्कि एक, एक अभियान है।

उन्होंने कहा कि कई लोग रक्तदान से डरते हैं, लेकिन यह बिल्कुल सुरक्षित है और शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं डालता। लोगों के मन से यह डर निकालना जरूरी है कि रक्तदान से कमजोरी आती है। उल्टा, यह शरीर को स्वस्थ और सक्रिय बनाता है।

सनी ने कहा कि वे जब भी किसी नए शहर या इलाके में जाते हैं, वहां के युवाओं को जागरूक करते हैं और खुद रक्तदान कर उदाहरण पेश करते हैं।

सनी की लगन और निरंतरता ने आसपास के कई युवाओं को प्रेरित किया है। उनके दोस्त और सहयोगी अब नियमित रक्तदाता बन चुके हैं। स्थानीय सामाजिक संगठन भी उनके इस प्रयास को सराहते हैं और उन्हें “जीवंत प्रेरणा” बताते हैं।

69वीं बार रक्तदान करने के बाद सनी ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि आज भी अस्पतालों और ब्लड बैंकों में खून की भारी कमी रहती है। ऐसे में अगर हर स्वस्थ व्यक्ति साल में कम से कम दो बार रक्तदान करे, तो हजारों ज़िंदगियां बचाई जा सकती हैं।

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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय

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