

कानपुर, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । जनपद में गंगा का जलस्तर कम होने से बाढ़ग्रस्त इलाकों से पानी उतरने लगा है। जलस्तर चेतावनी बिंदु (113 मीटर) से घटकर 112.82 मीटर रह गया है लेकिन ग्रामीणों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब उन्हें वायरल फीवर और एलर्जी (खुजली, दाने इत्यादि) हो रही है। जिसे लेकर जिला प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार गांवों में पहुंचकर मरीजों का परीक्षण करने के साथ ही उन्हें निःशुल्क दवाइयां वितरित की जा रही हैं। वहीं बाढ़ का पानी निकलने के बाद फैली गंदगी को साफ करवाया जा रहा है।
गंगा का जलस्तर कम होने से बैराज के बाढ़ग्रस्त इलाकों में पानी उतरने लगा है, जिससे ग्रामीणों और प्रशासन ने राहत की सांस ली है। ऐसे में हालात सामान्य हाेते दिख रहे हैं लेकिन चैनपुरवा, घारमखेड़ा, देवनीपुरवा, पहाड़ीपुरवा, छोटा मंगलपुरवा आदि गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को अब अपने स्वास्थ्य की चिंता सता रही है। दरअसल गांव से जलस्तर कम होने के बाद अब वहां पर फैली गंदगी की वजह से लोगों को वायरल फीवर और एलर्जी (खुजली, दाने इत्यादि) की समस्याएं सता रहीं हैं। जिसे लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भी चिंतित है।
रविवार को स्वास्थ्य विभाग की टीमें गंगा के कटरी इलाकों में पहुंचकर ग्रामीणों का परीक्षण कर उन्हें निःशुल्क दवाइयां वितरित की गईंं। साथ ही उन्हें सचेत रहने की सलाह दी गई है।
बताते चलें कि शनिवार काे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरी दत्त नेमी ने भी बाढ़ ग्रस्त इलाकों का जायजा लेते हुए स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई थी। दूसरी तरफ गंगा बैराज के कटरी इलाके में जैसे-जैसे पानी नीचे उतर रहा है वैसे-वैसे गंदगी, बदबू से जिंदगी दूभर हो रही है। वहीं पानी कम होने के बाद गांवों में फागिंग और सफाई की जा रही है। इसके अलावा बुखार से पीड़ित मरीजों की सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए भेजा गया है। सीएमओ ने बताया कि प्रशासनिक टीमाें के साथ लगातार स्वास्थ्य विभाग लाेगाें के बेहतर जीवन के लिए कार्य कर रहा है।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
