
—काशी की लोक संस्कृति के रंग में रंगा आदर्श गांव नागेपुर, 50 गांवों की महिलाओं ने कजरी गायन में दिखाई प्रतिभा
वाराणसी, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के सांसद आदर्श गांव नागेपुर शनिवार को काशी की जीवंत लोक संस्कृति का साक्षी बना, जहां महिला कजली महोत्सव में पूरे दिन गीत-संगीत, समाजिक सरोकारों और सांस्कृतिक रंगों की बहार रही। सेवापुरी ब्लॉक के मानापुर गांव की महिला टीम ने अपनी शानदार प्रस्तुति से प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया। वहीं, राजपुर की टीम को दूसरा और आशा सामाजिक विद्यालय नागेपुर की बालिका टीम को तीसरा स्थान मिला।
यह आयोजन लोक समिति और आशा ट्रस्ट की संयुक्त पहल पर यूनियन बैंक, नागेपुर के सहयोग से सम्पन्न हुआ, जिसमें जिले के 50 गांवों से आई महिलाओं ने भाग लिया। महिलाओं ने पारंपरिक कजरी गीतों के साथ-साथ देशभक्ति, मनरेगा, शिक्षा, महिला हिंसा, भ्रष्टाचार जैसे समसामयिक मुद्दों को भी अपने गायन में शामिल किया।
दिनभर चले इस सांस्कृतिक आयोजन में कुल 30 महिला स्वयं सहायता समूहों की टीमों ने हिस्सा लिया। सुरों की इस जुगलबंदी ने ग्रामीण अंचल की महिलाओं को मंच दिया और दर्शकों को लोककला की समृद्धता से रूबरू कराया। कार्यक्रम में विजेता टीम को शील्ड, कंडाल, जग व बाल्टी देकर सम्मानित किया गया, जबकि अन्य प्रतिभागी टीमों को थाली देकर सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे रोहनिया विधायक सुनील सिंह पटेल ने महिलाओं की भागीदारी की सराहना की। वाराणसी जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या ने भी आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से लोक संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। यूनियन बैंक के डीजीएम शैलेन्द्र कुमार ने कहा कि आज के दौर में जब आधुनिकता के नाम पर हमारी परंपराएं समाप्त हो रही हैं, ऐसे आयोजनों से संस्कृति को नया जीवन मिलता है। बारिश का मौसम और लोक संगीत यही तो काशी की पहचान है। महोत्सव के दौरान बैंक की ओर से वित्तीय समावेशन शिविर का आयोजन भी किया गया, जिसमें ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई और स्वरोजगार के लिए लोन भी वितरित किए गए। कार्यक्रम का संचालन अनिता और आशा ने किया, जबकि स्वागत की जिम्मेदारी सोनी ने निभाई। समापन पर लोक समिति के संयोजक नंदलाल मास्टर ने सभी का आभार जताया।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
