
इस्लामाबाद, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । पाकिस्तान के लाहौर उच्च न्यायालय ने शनिवार को पंजाब विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता मलिक अहमद खान भाचर की याचिका खारिज कर दी। चुनाव आयोग ने नौ मई के एक मामले में आतंकवाद विरोधी अदालत से दोषी ठहराए जाने के बाद पंजाब विधानसभा की सदस्यता से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था। भाचर ने दोषसिद्धि के बाद आयोग के अयोग्य घोषित करने के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
एआरवाई न्यूज चैनल की खबर के अनुसार, लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति खालिद इशाक ने उनकी याचिका को विचारणीय योग्य भी नहीं माना। उन्होंने कहा कि अहमद खान भाचर सजा सुनाए जाने के बाद से फरार हैं और कानून के सामने आत्मसमर्पण करने में विफल रहे हैं। उच्च न्यायालय ने फैसले में कहा कि चुनाव आयोग की अधिसूचना सीधे तौर पर आतंकवाद विरोधी अदालत के फैसले से जुड़ी है। याचिकाकर्ता ने सजा से बचने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, उन्हें राहत नहीं दी जा सकती।
पाकिस्तान चुनाव आयोग ने 9 मई के दंगों से संबंधित मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के तीन सांसदों को अयोग्य घोषित कर दिया था। आयोग ने सीनेटर एजाज चौधरी, पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता मलिक अहमद खान भाचर और अहमद चट्ठा को अयोग्य घोषित करने संबंधी अधिसूचना जारी कर उनकी सीटों को रिक्त घोषित कर दिया। लाहौर और सरगोधा स्थित आतंकवाद-रोधी अदालतों ने 9 मई को एक ही प्रकृति के अलग-अलग मामलों में पीटीआई के तीन सांसदों को 10 साल जेल की सजा सुनाई है। अहमद खान भाचर को पंजाब में पीटीआई का बड़ा नेता माना जाता है।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
