Sports

साई और डल झील एसोसिएशन की साझेदारी ने बदली कश्मीर के युवाओं की किस्मत

कोच जुल्फिकार अली भट्ट (बीच में) के साथ मोहसिन अली और सज्जाद हुसैन

श्रीनगर, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के साधारण परिवारों से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाले तीन युवा एथलीट – मोहसिन अली, सज्जाद हुसैन और मुहम्मद हुसैन – आज प्रेरणा के प्रतीक बन गए हैं। खेलो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल 2025 में इन खिलाड़ियों ने राज्य को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक दिलाए। इनकी इस उपलब्धि के पीछे भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और डल झील स्थित नेहरू पार्क प्रशिक्षण केंद्र की अहम भूमिका रही है।

मोहसिन अली, एक कारपेंटर के बेटे, ने पुरुषों की K-1 1000 मीटर कयाकिंग में स्वर्ण जीता। शिकारा चालक के बेटे सज्जाद और सब्जी विक्रेता के बेटे मुहम्मद हुसैन ने C-2 500 मीटर कैनो स्लैलम में रजत, जबकि हुसैन ने C-1 कैनो 1000 मीटर में कांस्य पदक हासिल किया। इन पदकों की बदौलत मेजबान जम्मू-कश्मीर ने देशभर के 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सातवाँ स्थान प्राप्त किया।

दलदल भरी आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद इन युवाओं ने खेलों में अपनी पहचान बनाई। खिलाड़ियों का कहना है कि यदि साई का सहयोग न होता, तो खेलों में आगे बढ़ना संभव नहीं था। साई केंद्र न केवल प्रशिक्षण बल्कि खिलाड़ियों को आवश्यक सहायता, आहार और मार्गदर्शन भी प्रदान करता है। एथलीटों के कोच जुल्फिकार अली भट्ट ने बताया कि कश्मीर के अधिकांश खिलाड़ी मज़दूर वर्ग से आते हैं और इसी वजह से इस केंद्र का महत्व और बढ़ जाता है।

सज्जाद हुसैन ने साझा किया कि किस तरह उनके कोच अभ्यास के बाद उन्हें स्कूल तक छोड़ते थे ताकि पढ़ाई और खेलों में संतुलन बना रहे। वहीं मुहम्मद हुसैन ने कहा कि इस केंद्र ने उन्हें नशे जैसी बुरी आदतों से दूर रखकर सही राह दिखाई। मोहसिन अली ने भी माना कि परिवार की कठिन आर्थिक स्थिति के बीच साई का सहयोग ही उनकी सफलता की कुंजी रहा।

कोच जुल्फिकार अली भट्ट ने यह भी जोर दिया कि भारत यदि 2036 ओलंपिक की मेजबानी का लक्ष्य रखता है, तो श्रीनगर में राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना अनिवार्य है। उनका मानना है कि ऐसे प्रयासों से डल झील और आसपास के युवाओं की प्रतिभा को वैश्विक मंच तक पहुँचाया जा सकेगा।

—————

(Udaipur Kiran) दुबे

Most Popular

To Top