
जोधपुर, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर की मुख्य पीठ ने सिंधी वेलफेयर एण्ड मेडिकल सोसायटी की पूर्व कार्यकारिणी के अध्यक्ष कन्हैयालाल टेवानी एवं उनके अन्य सात पक्षकारों द्वारा प्रस्तुत की गई याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को आदेशित किया कि वह परिवादी महेश खेतानी की रिपोर्ट पर तीस दिनों के भीतर निर्णय करने के निर्देश जांच अधिकारी को दें। अगर आरोप सही पाए जाते हैं और पुलिस को लगे कि गिरफ्तारी आवश्यक है तो याचिकाकर्ताओं को 15 दिन का नोटिस दिया जाकर अग्रिम कार्यवाही की जाए।
गौरतलब है कि सिंधी वेलफेयर एण्ड मेडिकल सोसायटी की कार्यकारिणी के अध्यक्ष महेश खेतानी ने पूर्व कार्यकारिणी के अध्यक्ष कन्हैयालाल टेवानी एवं सात अन्यों के खिलाफ देवनगर पुलिस थाने में दर्ज करवाई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट में कहा कि टेवानी व उनके अन्य समर्थकों ने गैर कानूनी तौर पर कार्यकारिणी गठित कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिंधी वेलफेयर एण्ड मेडिकल सोसायटी के वेलफेयर फण्ड का दुरुपयोग किया। इस मामले में पुलिस द्वारा अनुसंधान किए जाने के बाद टेवानी व अन्य अभियुक्तगणों को मुलजिम करार दिया गया। तब आरोपियों ने राजस्थान हाईकोर्ट में एफआईआर को खारिज करने के लिए याचिका प्रस्तुत की। हाईकोर्ट के न्यायाधीश मुकेश राजपुरोहित ने इस याचिका को खारिज करते हुए अभियुक्तगणों को आदेश की प्रति प्राप्त होने के सात दिनों के भीतर पुलिस अधीक्षक, जोधपुर के समक्ष प्रतिनिधित्व दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए आदेशित किया तथा पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया कि वह प्रतिनिधित्व दस्तावेज का गहन अध्ययन एवं निष्पक्ष रूप से जांच कर 30 दिन के भीतर निर्णय सुनिश्चित करें। अदालत में परिवादी महेश खेतानी की ओर से अधिवक्ता विनोद कुमार शर्मा, राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता श्रीराम चौधरी एवं अभियुक्तगणों की ओर से हिमांशु चौधरी ने पैरवी की।
(Udaipur Kiran) / सतीश
