Haryana

गुरुग्राम पुलिस ने किया ठग गैंग का भंडाफोड़, पांच आरोपी काबू

गुरुग्राम पुलिस द्वारा काबू किए गए ठग गैंग के आरोपी।

-फर्जी कागजात तैयार कर महाराष्ट्र में खुलवा रखा था बैंक खाता

-गुरुग्राम कोर्ट में फर्जी दावा कर एसपीआर रोड के पास अधिगृहित जमीन के अवॉर्ड के लगभग पांच करोड़ रुपए हड़पे

-आरोपियों का पहले भी अपराधिक रिकॉर्ड रहा है

गुरुग्राम, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । स्थानीय पुलिस ने ठग गैंग का भंडाफोड़ किया है। गैंग के पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने फर्जी कागजात तैयार करके महाराष्ट्र में बैंक खाता खुलवा रखा था। साथ ही उन्होंने गुरुग्राम कोर्ट में फर्जी दावा करके एसपीआर रोड के पास अधिगृहित जमीन के अवार्ड के करीब पांच करोड़ रुपये भी हड़प लिए। पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने शनिवार को बताया कि आरोपियों का अपराधिक रिकॉर्ड रहा है।

जानकारी के अनुसार 29 जनवरी 2025 को गुरुग्राम पुलिस को एक पत्र स्थानीय न्यायालय से मिला। पत्र में कहा गया कि एक व्यक्ति द्वारा फर्जी रूप से जमीन का मालिक बनकर अदालत में फर्जी दस्तावेज पेश किए। उनके आधार पर अदालत के माध्यम से सरकार द्वारा अधिग्रहण की गई जमीन की राशि को अपने फर्जी बैंक खाते में रिलीज करवा लिए। पुलिस टीम द्वारा मामले की जांच करके अदालत के आदेश पर पुलिस थाना शिवाजी नगर गुरुग्राम में केस दर्ज किया गया। इस केस में गठित एसआईटी व अनुसंधान अपराध शाखा सेक्टर-31 द्वारा जांच की गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए फर्जीवाड़ा करने की वारदात को अंजाम देने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों की पहचान तुषार उर्फ काकू (उम्र-21 वर्ष) निवासी जहांगीरपुरी, दिल्ली, कृष्ण कुमार उर्फ फर्जी ब्रह्मप्रकाश (उम्र-50 वर्ष) निवासी महरौली दिल्ली, दिनेश कश्यप उर्फ राठौर (उम्र-38 वर्ष) निवासी सनराईज अपार्टमेंट सेक्टर-23 दिल्ली, पंकज कुमार केला उर्फ धर्म (उम्र-47 वर्ष) निवासी मोह लाइन भाटा कटघेरा, जिला कोरबा (छत्तीसगढ़) व सुशील कुमार दरडा उर्फ बाल सिंह (उम्र-48 वर्ष) निवासी सरदार पटेल वार्ड, जिला मुंगेली (छत्तीसगढ़) के रूप में हुई।

पुलिस जांच व आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि आरोपी दिनेश प्रॉपर्टी डीलर का काम करता है। बाकी सभी आरोपी कोई काम नहीं करते। आरोपियों ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा करके रुपये ठगी करने की योजना बनाई। योजनानुसार आरोपी कृष्ण फर्जी जमीन मालिक ब्रह्मप्रकाश बना। आरोपी तुषार व दिनेश ने फर्जी ब्रह्मप्रकाश के नाम से फर्जी दस्तावेज आईडी तैयार कराई। उस फर्जी आईडी के आधार पर नागपुर (महाराष्ट्र) में ब्रह्मप्रकाश के नाम से बैंक में खाता खुलवाया। उसके बाद आरोपियों द्वारा मुआवजा क्लेम करने के लिए न्यायालय में केस करने लिए वकील किया। उनके अन्य साथी द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों व उनके द्वारा बनवाए गए दस्तावेजों के आधार पर न्यायालय में वकील के माध्यम से केस दायर किया गया। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आरोपियों ने फर्जी तरीके से मुआवजे की कुल राशि चार करोड़ 97 लाख 29 हजार 534 रुपए तथा इस राशि के ब्याज की राशि 15 लाख 19 हजार रुपए फर्जी ब्रह्मप्रकाश के नागपुर (महाराष्ट्र) वाले बैंक खाते में डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से रिलीज करा लिए। फर्जी तरीके से रिलीज कराई गई राशि में से आरोपियों ने अपना हिस्सा बांट लिया। आरोपी दिनेश को एक करोड़ 90 लाख, आरोपी सुशील व पंकज को 25 लाख, आरोपी तुषार को नौ लाख और बाकी आरोपी ब्रह्मप्रकाश व उनके अन्य साथियों ने आपस में बांट लिए।

(Udaipur Kiran)

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