
सिरसा, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । सिरसा जिला परिषद के चेयरमैन कर्ण चौटाला व सीईओ सुभाष चंद्र के विरोध में शनिवार को जिला परिषद के सदस्यों ने सांझा मोर्चा का गठन कर पंचायत भवन में धरना दिया। जिला पार्षद प्रतिनिधि हैप्पी रानियां ने कहा कि जिला परिषद का चुनाव हुए तीन साल का समय हो चुका है, लेकिन इन तीन सालों में चेयरमैन व सीईओ द्वारा आपस में सांठगांठ करके हाउस की मीटिंग अब तक सिर्फ पांच बार ही बुलाई गई है।
विपक्ष के पार्षदों द्वारा अपने क्षेत्र के विकास के लिए जो प्रस्ताव दिए गए हैं, उन प्रस्तावों पर चेयरमैन व सीईओ द्वारा एक रुपया भी मंजूर नहीं किया गया है। इस मामले को लेकर जब जिला परिषद के सदस्य सीईओ से बातचीत करते हैं तो उनका स्पष्ट जवाब होता है कि चेयरमैन की कोठी पर जाकर उनसे मिलो। जिला पार्षद जसदेव सिंह निक्का ने कहा कि जिला परिषद सीईओ अपने व्यवहार से सरकारी अधिकारी कम और किसी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता की तरह अधिक काम कर रहे हैं। सीईओ का व्यवहार विपक्ष के पार्षदों के प्रति गैर जिम्मेदाराना है। पिछले तीन सालों में जितना भी फंड जिला परिषद को आवंटित हुआ है, उसकी बड़े स्तर पर जांच की जाए।
जिला पार्षद नंदलाल बैनीवाल ने कहा कि विकास कार्यों के लिए जिला परिषद को सरकार की ओर से करोड़ों रुपए का फंड मिला है, लेकिन जिला परिषद चेयरमैन कर्ण चौटाला और सीईओ द्वारा फंड विकास कार्यों के लिए खर्च नहीं किया जा रहा, इसलिए पिछले तीन सालों में विकास के लिए आया करोड़ों रुपया वापस चला गया। अब तक जितना भी फंड जिला परिषद को मिला है, उसमें बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का खेला चेयरमैन व सीईओ की मिलीभगत से हुआ है। सरकार से मांग है कि जिला परिषद के कार्यों व आवंटित फंडों की कमेटी गठित कर जांच की जाए। जिला पार्षदों ने कहा कि सरकार द्वारा इस मामले पर तुरंत संज्ञान नहीं लिया गया तो जिला चेयरमैन व सीईओ के खिलाफ संघर्ष को और तेज कर बड़े स्तर का प्रदर्शन किया जाएगा।
(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
