
उत्तर 24 परगना , 23 अगस्त (Udaipur Kiran) ।
हिंगलगंज के मामुदपुर इलाके में स्थित 20 नंबर नित्यानंद शिशु शिक्षा केंद्र में इस समय केवल एक ही शिक्षिका बची हैं। वह भी कुछ महीनों बाद सेवानिवृत्त होने वाली हैं। ऐसे में ग्रामीणों के बीच चिंता बढ़ गई है कि कहीं वर्षो पुराना यह स्कूल बंद न हो जाए।
गौरतलब है कि स्थानीय बच्चों को दूर-दराज के स्कूल जाने की परेशानी से बचाने के लिए वर्ष 2003 में इस प्राथमिक विद्यालय की स्थापना हुई थी। शुरू में यहां तीन शिक्षिकाएं कार्यरत थीं और छात्रों की संख्या भी 80 से ऊपर थी लेकिन समय के साथ एक शिक्षिका का तबादला हो गया और इस साल अप्रैल में सड़क हादसे में दूसरी शिक्षिका की मौत हो गई। फिलहाल स्कूल की जिम्मेदारी एकमात्र शिक्षिका झरना चक्रवर्ती निभा रही हैं।
झरना चक्रवर्ती नै बताया कि यहां नर्सरी से चौथी कक्षा तक पढ़ाई होती है। लेकिन जब भी मुझे बैंक या सरकारी दफ्तरों के काम से बाहर जाना पड़ता है, तब पढ़ाई रुक जाती है। मैं 31 जनवरी 2026 को रिटायर हो जाऊंगी। उसके बाद बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ेगा क्योंकि नजदीकी दूसरा स्कूल तीन मील दूर है और इतने छोटे बच्चे इतनी दूरी तय नहीं कर सकते हैं।
वहीं,णअभिभावकों का कहना है कि अकेली शिक्षिका की अनुपस्थिति में स्कूल बंद रहता है और बच्चों की पढ़ाई ठप हो जाती है।
अभिभाविका शिवानी दास ने कहा है कि अगर स्कूल बंद हुआ तो छोटे बच्चों को दूर के स्कूल तक पैदल भेजना मुश्किल होगा।
पहले 80-85 बच्चे थे, अब मुश्किल से 30-35 बचे हैं। अगर शिक्षक नहीं मिले तो स्कूल पूरी तरह बंद हो जाएगा।
इस स्थिति पर उत्तर 24 परगना जिला परिषद के शिक्षा कर्माध्यक्ष बुरहानुल मुक़द्दिम ने कहा है कि ऐसी समस्या कई जगह सामने आई है। सरकार और शिक्षा विभाग सक्रिय हैं। उम्मीद है जल्द समाधान होगा ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
ग्रामीणों की सबसे बड़ी मांग यही है कि स्कूल में जल्द नए शिक्षक नियुक्त किए जाएं। उनका कहना है कि अगर स्कूल बंद हुआ तो छोटे बच्चों का भविष्य अंधेरे में चला जाएगा।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
