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मध्य प्रदेश में एआई से होगी रेलवे कॉरिडोर में वन्यजीवों की सुरक्षा, रुकेंगे टकराव और हादसे

एआई से होगी रेलवे कॉरिडोर में वन्यजीवों की सुरक्षा

– एसएफआरआई और आईआईटी इंदौर के बीच हुआ एमओयू, एआई आधारित प्रारम्भिक चेतावनी प्रणाली का होगा विकास

भोपाल, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के रेलवे कॉरिडोर में वन्यजीवों की सुरक्षा एआई से होगी। प्रदेश के वन विभाग ने वन्य जीवों को बचाने के लिए इटारसी से नागपुर तक प्रस्तावित तृतीय रेलवे लाइन के विस्तार से सतपुड़ा मेलघाट कॉरिडोर एवं सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व के ईको-सेंसेटिव जोन पर पड़ने वाले संभावित नकारात्मक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए गंभीर पहल की है। राज्य वन अनुसंधान संस्थान (एसएफआरआई) जबलपुर और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) इंदौर के बीच शुक्वार को एक एमओयू हुआ है। इसका मुख्य उद्देश्य एआई आधारित प्रारम्भिक चेतावनी प्रणाली विकसित करना है। इससे सतपुड़ा–मेलघाट कॉरिडोर में रेल ट्रैक पर बाघ, तेंदुआ जैसे वन्यप्राणियों के टकराने की घटनाओं को रोका जा सकेगा।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) सुभरंजन सेन ने राज्य वन अनुसंधान संस्थान (एसएफआरआई) जबलपुर को रेलवे लाइन विस्तार हेतु मिटिगेशन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं। रेलवे प्राधिकरण को भी यह स्पष्ट कर दिया गया है कि आगे की कार्रवाई इसी रिपोर्ट के आधार की जायेगी। इसी संदर्भ में यह एमओयू किया गया है। एसएफआरआई जबलपुर और आईआईटी इंदौर मिलकर वन्यजीव संरक्षण को और अधिक वैज्ञानिक और प्रभावी बनाने के लिए एआई आधारित प्रणाली विकसित कर रहे हैं।

एमओयू के अवसर पर एसएफआरआई जबलपुर के संचालक प्रदीप वासुदेव और वैज्ञानिक डॉ. अनिरुद्ध मजूमदार और आईआईटी इंदौर के संचालक सुहास एस. जोशी, डीन अभिरुप दत्त और सह-प्राध्यापक डॉ. सौरभ दास उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) तोमर

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