Uttar Pradesh

वाराणसी: प्रशिक्षु आरक्षियों को साइबर अपराध की दी गई ट्रेनिंग, पुलिस कमिश्नर ने किया जागरूक

प्रशिक्षु आरक्षियों से संवाद करते सीपी

बोले—अपराधी अस्तित्वहीन डिजिटल अरेस्ट,डिजिटल थाना जैसी भ्रामक बातों से ठगते है,प्रशिक्षुओं की होगी ट्रेनिंग

वाराणसी, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने शुक्रवार को रिजर्व पुलिस लाइन में प्रशिक्षु आरक्षियों को साइबर अपराधों से जुड़ी अहम जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने ‘डिजिटल अरेस्ट’ और ‘डिजिटल थाना’ जैसे भ्रामक और अस्तित्वहीन साइबर जालसाजियों को लेकर सतर्क किया।

पुलिस कमिश्नर ने बताया कि आज के समय में साइबर अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी, पुलिसकर्मी या एजेंसी का सदस्य बताकर आम लोगों को डराने और ठगने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। उन्होंने प्रशिक्षु आरक्षियों को बताया कि यदि कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार होता है, तो सबसे पहले 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें और (एनसीआरपी पोर्टल) पर शिकायत दर्ज करें। उन्होंने साइबर अपराध से जुड़ी शिकायतों की जांच प्रक्रिया, फर्जी कॉल की पहचान, कॉल लोकेशन ट्रेसिंग, संबंधित मोबाइल नंबर व आईएमईआइ नंबर को ब्लॉक कराने की प्रक्रिया और बैंक से संपर्क कर धोखाधड़ी की रकम को होल्ड करवाने की तकनीकी जानकारी भी साझा की।

पुलिस कमिश्नर ने निर्देश दिए कि सभी प्रशिक्षु आरक्षियों को साइबर क्राइम से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाए ताकि भविष्य में आम जनता को समय पर सहायता और सुरक्षा मिल सके। निरीक्षण के दौरान पुलिस आयुक्त ने पुलिस लाइन परिसर की साफ-सफाई और घास की नियमित कटाई पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। इस अवसर पर पुलिस उपायुक्त (लाइन) प्रमोद कुमार, अपर पुलिस उपायुक्त (लाइन) वैभव बांगर, सहायक पुलिस आयुक्त (लाइन) ईशान सोनी सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।

—————

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

Most Popular

To Top