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किसी भी जर्जर स्कूल भवन में नहीं कराए पढ़ाई, कराए जाए वैकल्पिक इंतजाम-हाईकोर्ट

कोर्ट

जयपुर, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि प्रदेश के किसी भी जर्जर स्कूल भवन में विद्यार्थियों की पढ़ाई नहीं कराई जाए। वहीं ऐसी स्कूलों में पढाई के लिए आने वाले विद्यार्थियों के अध्यापन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, ताकि उनकी पढाई प्रभावित नहीं हो। इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख शिक्षा सचिव को कहा है कि वे आगामी सुनवाई तक शपथ पत्र पेश कर बताए कि उनकी जानकारी में आए जर्जर स्कूल भवन में पढाई नहीं कराई जा रही है। जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल और जस्टिस अशोक कुमार जैन की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान सहित अन्य याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए दिए। अदालत मामले में अब 4 सितंबर को सुनवाई करेगी।

सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राज दीपक रस्तोगी की ओर से मामले में जवाब पेश करने के लिए समय मांगा गया। वहीं महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने जर्जर स्कूल भवनों में कक्षाएं संचालित नहीं करने के निर्देश जारी किए हैं। इस पर अदालत ने कहा कि क्या वे कह सकते हैं कि अब कोई दुर्घटना नहीं होगी। ऐसे में महाधिवक्ता ने कहा कि विभाग ने सभी स्कूलों का सर्वेक्षण करने के आदेश दिए हैं। कमेटी गठित तक ऐसे स्कूल भवनों की पहचान की जा रही है। स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए बजट भी जारी किया गया है। अदालत को दो सप्ताह में शपथ पत्र पेश कर इसकी जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा स्कूलों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे मानसून के दौरान विशेष उपाय करें। अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि अभी तक पालना रिपोर्ट पेश नहीं की गई। ऐसे में सुनिश्चित किया जाए की जर्जर भवनों में कक्षाएं संचालित नहीं हो। इस पर एजी ने कहा कि अगर किसी की गलती सामने आई तो हम उस पर कार्रवाई करेंगे। ऐसी इमारतों का लगातार सर्वेक्षण जारी है, फिर भी अदालत चाहे तो निर्देश जारी कर सकती है। इस पर अदालत ने जर्जर स्कूलों में स्कूल संचालित करने पर रोक लगाते हुए प्रमुख शिक्षा सचिव से शपथ पत्र पेश करने को कहा है।

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(Udaipur Kiran)

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