
नई दिल्ली, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग में नियुक्तियों में गड़बड़ियों के मामले में सुनवाई टाल दिया है। शुक्रवार काे एक गवाह का बयान दर्ज होना था लेकिन वकीलों की ओर से न्यायिक कार्य के बहिष्कार की वजह से बयान दर्ज नहीं किया जा सका। कोर्ट ने गवाहों के बयान के लिए 8 और 9 सितंबर को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया।
शुक्रवार काे गवाह डॉ. दिनेश कुमार मिश्रा कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराने के लिए उपस्थित थे लेकिन वकीलों के न्यायिक कार्य का बहिष्कार करने की वजह से बयान दर्ज नहीं कराया जा सका। उसके बाद कोर्ट ने 8 सितंबर को डॉ. दिनेश कुमार मिश्रा और कास्टेबल रवि दत्त शर्मा के बयान और 9 सितंबर को इस मामले की शिकायतकर्ता बरखा सिंह के बयान दर्ज करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान इस मामले की आरोपित और आयोग की पूर्व अध्यक्ष और सांसद स्वाति मालीवाल न्यायालयमें पेश नहीं हुईं थी। न्यायालयने पहले की सुनवाई में ही मालीवाल को पेशी से छूट की अनुमति दे दी थी।
अब तक इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सात गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। कोर्ट ने 21 अगस्त को रिटायर्ड एसआई रुप सिंह का बयान दर्ज किया था। 19 अगस्त को दो गवाहों राजकुमार तोमर और रिटायर्ड इंस्पेक्टर भूप सिंह के बयान दर्ज किए गए थे। 30 जुलाई को मनोज कुमार और उषा गांगुली के बयान दर्ज किए गए थे। 28 अप्रैल को दिल्ली सरकार के महिला और बाल विकास विभाग के डिप्टी डायरेक्टर हुमरा खालिद का बयान दर्ज किया गया था। 19 मार्च को दिल्ली सरकार के वित्त विभाग के अधिकारी मनोज कुमार के बयान दर्ज किए गए थे। न्यायालयने दिसंबर 2022 में स्वाति मालीवाल समेत चार आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। स्वाति मालीवाल ने आरोप तय करने के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी जिसे न्यायालय खारिज कर दिया था।
कोर्ट ने स्वाति मालीवाल के अलावा जिन लोगों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था उनमें आयोग की सदस्य प्रोमिला गुप्ता, सारिका चौधरी और फरहीन मलिक शामिल हैं। कोर्ट ने चारों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120(बी) और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13 (2), 13(1)(डी) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था।
दरअसल एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) से पूर्व विधायक बरखा सिंह ने 11 अगस्त, 2016 को शिकायत कर आरोप लगाया था कि दिल्ली महिला आयोग में नियमों को दरकिनार कर आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों को नियुक्त किया गया। शिकायत में आयोग में नियुक्त हुए तीन लोगों के नाम बताए गए थे, जो आम आदमी पार्टी से जुड़े थे।
एसीबी को दी गई शिकायत में आप से जुड़े 85 लोगों की सूची भी दी गई थी, जिनकी नियुक्ति आयोग में होने का दावा किया गया था। इस पर प्रारंभिक जांच के बाद एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज किया था।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
