

उत्तरकाशी, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) : केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने उत्तरकाशी नदी बचाओ आंदोलन के सुरेश भाई के शिकायत पत्र का संज्ञान लेते हुए अंयारखाल के आसपास दुर्लभ वन प्रजातियां- राई (फर), कैल आदि के हरे पेड़ों के कटान पर जांच के निर्देश दिये।
बता दें कि सुरेश भाई ने उत्तरकाशी वन प्रभाग के अंतर्गत अंयारखाल के आसपास दुर्लभ वन प्रजातियां- राई (फर), कैल आदि के हरे पेड़ों के कटान को रोकने व जांच करने की मांग की थी। मई- जून के महीने में अंयारखाल में सड़क पर हरे पेड़ों के स्लिपर बड़ी मात्रा में जमा थे। और लगभग 6- 7 किमी घने जंगल के बीच से खच्चरों की पीठ पर सड़क मार्ग तक काटे गये पेड़ों के स्लिपरों का ढुलान किया जा रहा था। इसकी जब जानकारी प्राप्त की गई तो यहां पर मजदूरों ने बताया कि उन्होंने दर्जनों हरे पेड़ काटे हैं। इसकी रिपोर्ट वन और पर्यावरण मंत्रालय को भेजी गई थी। पर्यावरण मंत्रालय ने उत्तराखंड के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल प्रमुख) पर्यावरण वन विभाग, उत्तराखंड सरकार को आदेश दिया है कि वह इस मामले की जांच करें।
जांच में मौजूदा अधिनियमों, नियमों और विनियमों के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करें और वे जो भी कार्रवाई करेंगे। उसकी रिपोर्ट मंत्रालय और सुरेश भाई को शीघ्र उपलब्ध करवायें। यद्यपि हरे पेड़ों की जांच के लिए भेजे गए पत्र पर ढाई माह बाद कार्यवाही करने के लिए लिखा जा रहा है लेकिन इस बीच यहां लगभग 7000 फीट की ऊंचाई पर वन कटान के इस प्रकरण की जांच के लिए जब पत्र लिखा गया।
सूत्रों से जानकारी मिली कि वन विभाग की की टीम मौके पर गई थी लेकिन उन्होंने वहां क्या जांच की है? इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा है।
(Udaipur Kiran) / चिरंजीव सेमवाल
