
फरीदाबाद, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों को दवाइयों की भारी कमी और वरिष्ठ डॉक्टरों के अभाव का सामना करना पड़ रहा है। इस गंभीर स्थिति को लेकर ईएसआईसी समिति के सदस्य एवं एटक के प्रदेश चेयरमैन बेचू गिरी ने बीके स्थित अपने कार्यालय पर शुक्रवार को बैठक की और अस्पताल की व्यवस्थाओं पर कड़ा सवाल उठाया। उन्होंने बताया कि अस्पताल में मरीजों को लिखी गई दवाईयां अक्सर फार्मेसी में उपलब्ध नहीं होती। जिस कारण मजबूरीवश लोगों को बाहर से महंगी दवाईयां खरीदनी पड़ती हैं। इससे गरीब और जरूरतमंद मरीजों के इलाज पर गहरा असर पड़ रहा है। कई बार मरीज दवा न मिलने पर निराश होकर खाली हाथ लौट जाते हैं। बेचू गिरी ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन मनमानी कर रहा है। जिस अधिकारी को जैसा ठीक लगता है, वह वैसे आदेश जारी कर देता है। इस कारण कई विशेषज्ञ डॉक्टर नौकरी छोडक़र जा चुके हैं। हाल ही में न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और आईसीयू विभाग के डॉक्टरों ने अस्पताल छोड़ दिया है। नेफ्रोलॉजी विभाग में विशेषज्ञ न होने से डायलिसिस मरीजों का इलाज मेडिसिन विभाग के सहारे चल रहा है। वहीं कई डॉक्टरों के तबादले कर दिए गए हैं, लेकिन उनकी जगह नए डॉक्टरों की नियुक्ति अब तक नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ वरिष्ठ फैकल्टी का होना बेहद जरूरी है, ताकि मरीजों को उचित इलाज मिले और छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित न हो, लेकिन मौजूदा हालात में कैंसर, न्यूरो और हृदय रोगियों को उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। छात्र भी बिना फैकल्टी के पढ़ाई करने को मजबूर हैं। बेचू गिरी ने कहा कि वर्तमान में इमरजेंसी से लेकर वार्ड और आईसीयू तक मरीजों का इलाज पीजी छात्र कर रहे हैं। यदि अस्पताल प्रशासन ने स्थिति पर जल्द ध्यान नहीं दिया, तो यहां के हालात दिल्ली के वसई धारापुर अस्पताल जैसे हो जाएंगे, जहां व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमरा चुकी हैं।
(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर
