Uttar Pradesh

साइबर हमलों से बचने के लिए शासन पूरी तरह से अग्रसर : प्रो मणींद्र अग्रवाल

आईआईटी कानपुर की फाइल फोटो

कानपुर, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । आज के समय में जब साइबर हमलों की संख्या हर वर्ष कई गुना बढ़ रही है, तब ऐसे समाधान अत्यावश्यक हैं जो सस्ते, मजबूत और पूरी तरह स्वदेशी हों। जिससे बाहरी निर्भरता समाप्त हो सके। सरकार शिक्षा संस्थानों और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग बढ़ने और सरकारी व निजी निवेश की भागीदारी से स्टार्टअप्स को वह ताकत मिल रही है। जिससे वे साइबर अवसंरचना और सुरक्षा के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बना सके। यह बातें शुक्रवार को आईआईटी कानपुर निदेशक प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कही

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) के अंतर्गत स्थापित प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र C3i हब द्वारा आयोजित स्टार्टअप डेमो डे 2025 ‘कनेक्ट 1.0’ का शुभारम्भ हुआ। जिसमें इसके साथ जुड़े स्टार्टअप्स ने पाँच अत्याधुनिक और स्वदेशी तकनीकों पर आधारित उत्पादों का अनावरण किया। यह आयोजन भारत की रक्षा, निगरानी, साइबर सुरक्षा और गहन तकनीक (डीप-टेक) के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

इस अवसर पर सरकारी अधिकारियों, शिक्षाविदों, उद्योग विशेषज्ञों और निवेशकों की व्यापक भागीदारी रही। यह आयोजन इस बात का प्रमाण है कि C3i हब भारत को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है।

इस आयोजन में प्रस्तुत किए गए प्रमुख नवाचारों में ऐसे उत्पाद शामिल हैं। जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, साइबर अपराध की रोकथाम और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी हैं। एयरोसिस एविएशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा एलीमिनेटर कामिकाज़े ड्रोन नामक एक ऐसा ड्रोन प्रस्तुत किया गया जो जीपीएस की अनुपस्थिति में भी काम करता है और लक्ष्य पर सटीक स्वचालित हमला करने में सक्षम है। वहीं मराल एयरोस्पेस ने तेजस्वान नामक उच्च ऊँचाई पर उड़ने वाले सौर ऊर्जा चालित मानव रहित विमान को प्रस्तुत किया जो लगातार 12 घंटे तक निगरानी व खुफिया गतिविधियों के लिए कार्य कर सकता है। ब्लॉकचेन क्षेत्र में सिक्योरडीऐप ने सिक्योरट्रेस नामक एक फॉरेंसिक मंच विकसित किया है जो अवैध लेन-देन को ट्रेस करने और जांच के लिए स्वचालित उपकरण प्रदान करता है।

(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप

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