Uttar Pradesh

जनपद में 6.07 लाख पशुओं के टीकाकरण का लक्ष्य अब तक 4.49 लाख पशुओं का टीकाकरण हो चुका: ओपी श्रीवास्तव

ओम प्रकाश श्रीवास्तव पशु चिकित्सक अधिकारी
जानवरों को टीका लगाते हुए पशु चिकित्सक

जौनपुर, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । इन दिनों जनपद में खुरपका-मुंहपका बीमारी का प्रकोप देखा जा रहा है। यह एक संक्रामक विषाणुजनित रोग है। इससे बचाव के लिए टीकाकरण अभियान 23 जुलाई से चल रहा है। जनपद में 6.07 लाख पशुओं के टीकाकरण का लक्ष्य है। अब तक 4.49 लाख पशुओं का टीकाकरण हो चुका है। अभियान 5 सितंबर तक चलेगा। शेष 14 दिनों में 1.57 लाख पशुओं को टीका लगाना बाकी है। इस बीमारी से प्रभावित पशुओं में 104 से 106 डिग्री फारेनहाइट तक बुखार आता है। मुंह और खुरों पर छाले और घाव हो जाते हैं। कुछ पशु स्थायी रूप से लंगड़े हो सकते हैं। गायों में गर्भपात की आशंका रहती है। दूध उत्पादन में भी कमी आ जाती है।यह बीमारी संक्रमित पशु की लार, गोबर और दूध के संपर्क से फैलती है। दाना, पानी, घास, बर्तन और दूध दुहने वालों के हाथों से भी यह फैल सकती है। इस बीमारी का कोई निश्चित इलाज नहीं है।इस मामले में शुक्रवार को हिंदुस्थान समाचार से बात करते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. ओपी श्रीवास्तव ने बताया कि खुरपका-मुंहपका के टीकाकरण के 21 दिन बाद पशुओं को लंपी का टीका लगाया जाएगा। इसके लिए 50 हजार वैक्सीन मंगाई गई है। लंपी एक विषाणुजनित चर्म रोग है। इसमें पशु को तेज बुखार के साथ आंख और नाक से पानी बहता है। शरीर में कठोर गांठें बन जाती हैं। मक्खियों से यह बीमारी स्वस्थ पशुओं में फैल सकती है। पशुओं का वजन घटने लगता है। अत्यधिक कमजोरी से मौत भी हो सकती है। सरकार गोवंश में लंपी के प्रसार को रोकने के लिए प्रयासरत है। वर्ष में दो बार टीकाकरण अवश्य करवाना चाहिए।

(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव

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