

उत्तरकाशी, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । विश्व प्रसिद्ध धाम यमुनोत्री के पड़ाव स्यनाचट्टी में यमुना नदी पर झील बनने से स्यानाचट्टी जलमग्न हो गया है। यदि अचानक झील फूटती है तो निचले इलाकों में भारी तबाही हो सकती है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के अन्तर्गत स्यानाचट्टी में यमुना नदी पर झील बनने से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। खासकर खरादी कस्बे और जल विद्युत परियोजना को झील के अचानक टूटने से भारी नुकसान की आशंका है। इससे स्थानीय लोगों में दहशत है।
गुरूवार दोपहर बाद कुपडा गदेरे में भारी मलबा आने से स्यानाचट्टी कस्बे में यमुना नदी पर बड़ी अस्थाई झील बन गई है। इसमें स्यानाचट्टी कस्बे के एक बड़े भाग में बने घर, होटल, गढ़वाल मंडल विकास निगम और बेसिक व माध्यमिक स्कूल डूब गए हैं।
पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते स्यानाचट्टी के पास के गाड़-गदेरों में मलबा-बोल्डर जमा हो गए हैं। इससे यमुना नदी का प्रवाह बाधित हुआ और पानी रुकने से करीब आधा किलोमीटर लंबी और लगभग ढाई से तीन सौ मीटर चौड़ी झील बन गई। इस झील के बढ़ते जलस्तर में यमुनोत्री हाईवे पर बना मोटर पुल और स्यानाचट्टी कस्बा जलमग्न हो गया है। कस्बे में लगभग 30 घर और होटल हैं। हर तरफ पानी-पानी होने से स्थानीय लोगों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। क्षेत्र के गांवों-कुपड़ा, कुनसाला, त्रिखली व ओजरी में दहशत का माहौल है। होटल-मकान सब झील में डूबने से लोगों को भारी नुकसान की चिंता सताने लगी है। साथ ही पुजार, कुथनोंर, उपली खरादी, निचली खरादी समेत निचले क्षेत्रों में यमुना किनारे बसे लोग दहशत में आ गए हैं। प्रशासन ने बड़कोट तक अलर्ट जारी किया है। लोगों को सतर्क व सावधान रहने के लिए कहा गया है।
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी शांत आर्य ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से तमाम घर और होटल खाली करा दिए हैं। साथ ही लोगों के लिए क्षेत्र से दूर रहने की सलाह जारी की गई है। एसडीआरएफ, पुलिस और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर रहकर स्थिति पर पूरी रात भर नजर बनाए रखी। झील से पानी की निकासी को एनडीआरएफ की टीम भी उपकरणों के साथ मौके पर पहुंची रही है।
(Udaipur Kiran) / चिरंजीव सेमवाल
