लंदन, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । ब्रिटेन ने गुरुवार को ईरानी तेल कारोबारी मोहम्मद हुसैन शमखानी और चार कंपनियों पर तेहरान की विदेशी गतिविधियों को समर्थन देने वाले नेटवर्क का हिस्सा होने का आरोप लगाते हुए प्रतिबंध लगाया है। इनमें यूक्रेन और इजराइल में अस्थिरता फैलाना भी शामिल है।
ब्रिटिश विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन प्रतिबंधों में शमखानी पर संपत्ति फ्रीज और यात्रा प्रतिबंध तथा शिपिंग, पेट्रोकेमिकल और वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों पर संपत्ति फ्रीज शामिल है।
ब्रिटेन के मध्य पूर्व मामलों के मंत्री हैमिश फाल्कनर ने कहा, “ईरान की व्यापारिक नेटवर्क और संबद्ध संगठनों से होने वाली आमदनी उसे अस्थिर करने वाली गतिविधियों को अंजाम देने, क्षेत्रीय प्रॉक्सी और साझेदारों को समर्थन देने और ब्रिटेन में राज्य-प्रायोजित खतरों को सक्षम करने में मदद करती है।”
ईरानी दूतावास ने इन प्रतिबंधों को “एकतरफा और अवैध कदम” बताते हुए खारिज किया और इसे “निराधार आरोप” करार दिया।
शमखानी, जो ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई के सलाहकार के बेटे हैं, से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो सका। अमेरिका ने पिछले महीने ही शमखानी पर प्रतिबंध लगाए थे, यह आरोप लगाते हुए कि वे एक विशाल नेटवर्क के जरिए कंटेनर शिप और टैंकरों को नियंत्रित करते हैं, जो ईरानी और रूसी तेल समेत अन्य सामानों की वैश्विक बिक्री करते हैं।
यूरोपीय संघ ने भी जुलाई में शमखानी को ब्लैकलिस्ट किया था। ब्रिटेन ने जिन कंपनियों पर कार्रवाई की है, उन पर शमखानी के निर्देश पर काम करने का आरोप है।
ब्रिटिश सांसदों ने पिछले महीने चेतावनी दी थी कि ईरान ब्रिटेन के लिए बढ़ता हुआ और बहुआयामी खतरा बन गया है। रिपोर्ट के अनुसार, यह खतरा भौतिक हमलों, असंतुष्टों और यहूदी समुदाय को निशाना बनाने वाली साजिशों, जासूसी, साइबर हमलों और परमाणु हथियार विकसित करने के प्रयासों तक फैला हुआ है।
ईरान ने इन सभी आरोपों को “राजनीतिक और शत्रुतापूर्ण” बताते हुए खारिज किया है।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
