
जयपुर, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । राज्य सरकार और कृषि विभाग द्वारा उर्वरकों की दैनिक उपलब्धता पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। कम उपलब्धता और अधिक खपत वाले जिलों व ब्लॉकों को चिन्हित कर प्रदेश भर में प्राथमिकता के साथ पूर्ण पारदर्शिता से डीएपी व यूरिया का वितरण किया जा रहा है। उर्वरकों की कालाबाजारी व जमाखोरी को रोकने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी प्रदेश भर में पूर्ण सतर्कता से कार्य कर रहे हैं।
शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी राजन विशाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा निरंतर केंद्र सरकार से समन्वय स्थापित कर प्रदेश की मांग अनुसार उर्वरकों की आपूर्ती करवाई जा रही है। राज्य के किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु खरीफ 2025 में अप्रैल से अगस्त तक भारत सरकार द्वारा आवंटित 8 लाख 82 हजार मैट्रिक टन यूरिया के विरुद्ध अब तक 8 लाख 5 हजार मैट्रिक टन की आपूर्ति की जा चुकी है। अगस्त माह की शेष अवधि में 77 हजार मैट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति जल्द ही कर दी जायेगी।
माह अप्रैल से अगस्त तक भारत सरकार द्वारा आवंटित 4 लाख 75 हजार मैट्रिक टन डीएपी के विरुद्ध अब तक 3 लाख 25 मैट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की जा चुकी हैं शेष 27 हजार मैट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति प्रस्तावित है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 1 लाख 90 हजार मैट्रिक टन यूरिया, 1 लाख 2 हजार मैट्रिक टन डीएपी, 0.80 लाख मैट्रिक टन एनपीके एवं 1 लाख 84 हजार मैट्रिक टन एसएसपी उर्वरकों का स्टॉक उपलब्ध है। वर्तमान में गत वर्ष की तुलना में फॉस्फेटिक उर्वरकों को स्टॉक 0.83 लाख मैट्रिक टन अधिक है।
केंद्र सरकार की ओर से यूरिया, डीएपी एव अन्य उर्वरकों का राज्यों को महावार व कंपनिवार आवंटन किया जाता है। राज्य सरकार द्वारा प्राप्त आवंटन एवं जिलों की मांग के अनुसार जिलेवार आपूर्ति योजना तैयार कर प्रदेश में उर्वरकों को वितरण कराया जाता है।
राजन विशान ने बताया कि कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड में अंकित सिफारिशानुसार ही उर्वरकों के उपयोग हेतु प्रेरित करने, उर्वरकों का समान रूप से पारदर्शिता के साथ वितरण कराने और उर्वरक वितरण में अनियमित्ता बर्तने वाले विक्रेताओं, जमाखोरों और कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाही हेतु समस्त जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
विभाग द्वारा समस्त किसानों को समान रूप से उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने के लिए कृषकों को पंक्तिबद्ध किया जाकर उर्वरकों का वितरण प्रशासन के सहयोग एवं विभागीय कार्मिकों की देख-रेख में किया जा रहा है।
डीग, भरतपुर, अलवर व बूंदी में निरंतर उर्वरकों की आपूर्ति कराई जा रही है। डीग में 2 हजार 230 मैट्रिक टन यूरिया, 1 हजार 510 मैट्रिक टन डीएपी, 2 हजार 90 मैट्रिक टन एनपीके व 4 हजार 820 मैट्रिक टन एसएसपी, भरतपुर जिले में 2 हजार 808 मै.टन यूरिया, 1 हजार 912 मै. टनी डीएपी, 2 हजार 618 मै.टन एनपीके व 5 हजार 574 मै. टन एसएसपी उर्वरकों की उपलब्धता है। इसी प्रकार बूंदी जिले में 4 हजार 912 मै. टन यूरिया, 3 हजार 529 मै. टन डीएपी, 2 हजार 455 मै. टन एनपीके और 8 हजार 173 मै. टन एसएसपी उर्वरक उपलब्ध हैं एवं निरंतर आपूर्ति जारी है। भरतपुर व अलवर में रैक प्वाईंट पर 20 हजार डीएपी के बैग उपलब्ध हैं, जिनमें से लगभग 4 हजार डीएपी के बैग डीग में भी भिजवाये जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य के पूर्वी जिलों के कुछ क्षेत्रों में सरसों की अगेती बुवाई करने के लिए किसानों द्वारा डीएपी के अग्रिम खरीद की जा रही है, जबकि बुवाई में काफी समय बाकी है। खरीफ फसलों में डीएपी की आवश्यकता नहीं रही, जबकि रबी की बुवाई के लिए उर्वरकों की पर्याप्त आपूर्ति का आवंटन अलग से निर्धारित है जिसकी आपूर्ति समय पर की जाएगी।
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(Udaipur Kiran)
