
कोलकाता, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘लक्ष्मी भंडार’ को लेकर उत्तर बंग विकास मंत्री उदयन गुहा का बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। मंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए शुरू की गई इस योजना का लाभ मिलने के बाद भी कई महिलाएं चुनाव के समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भूलकर तृणमूल कांग्रेस के बजाय अन्य दलों को वोट दे रही हैं।
गुरुवार को महिषादल ब्लॉक के नटशाल-एक और नटशाल- दो ग्राम पंचायतों में आयोजित ‘हमारा पाड़ा, हमारा समाधान’ शिविर में मंत्री उदयन गुहा ने कहा है कि दीदी ने महिलाओं की सुविधा के लिए लक्ष्मी भंडार योजना शुरू की। पहले 500 और एक हजार रुपये मासिक सहायता दी जाती थी, बाद में इसे बढ़ाकर 1200 रुपये किया गया। महिलाएं यह पैसा पाकर वोट के दिन ऑटो और टोटो से केंद्र तक तो जाती हैं, लेकिन वहां जाकर दीदी को भूलकर दूसरे फूल (दल) को पसंद कर लेती हैं।
गौररतलब है कि कुछ महीने पहले तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सौगत राय ने भी लगभग ऐसा ही बयान दिया था। उनका कहना था कि गांव की महिलाओं ने लक्ष्मी भंडार योजना के कारण तृणमूल को भारी समर्थन दिया, लेकिन शहरों में रहने वाली समृद्ध महिलाएं तृणमूल को वोट देने से कतराती हैं।
लोकसभा चुनाव के आंकड़े भी इस तथ्य की पुष्टि करते हैं। उलबेड़िया, कृष्णनगर, मुर्शिदाबाद, जंगीपुर, बहरमपुर, मालदा उत्तर-दक्षिण, बालुरघाट, कूचबिहार, रायगंज और अलीपुरद्वार जैसी सीटों पर महिला मतदाताओं ने तृणमूल कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाई है।
भाजपा का कहना है कि जनता सिर्फ सरकारी योजनाओं के आधार पर वोट नहीं देती। भाजपा नेता तपन बनर्जी ने कहा है कि राज्य सरकार जिन योजनाओं को लागू करती है, उनका पैसा आम जनता के कर से आता है। उस पैसे से कोई भी पार्टी प्रचार नहीं कर सकती। जितनी भी योजनाओं से जनता को लुभाने की कोशिश हो, अंत में मतदाता सही निर्णय लेते हैं और 2026 के विधानसभा चुनाव में भी यही होगा।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
