
चंपावत, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । वरिष्ठ नागरिक दिवस के अवसर पर जनपद में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से विशेष जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जिला जज अनुज कुमार संगल के निर्देशन और सचिव भवदीप रावते के मार्गदर्शन में जनपद के विभिन्न इलाकों में विधिक शिविर आयोजित किए गए। इन शिविरों में बड़ी संख्या में लोग, खासकर वरिष्ठ नागरिक, शामिल हुए।
शिविरों में उपस्थित अधिकार मित्रों ने वरिष्ठ नागरिकों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्हें बताया गया कि भारतीय संविधान और विशेष अधिनियमों में वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल, भरण-पोषण, संपत्ति पर अधिकार, और सुरक्षा के लिए कई प्रावधान किए गए हैं।
विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 का उल्लेख किया गया, जिसके तहत वृद्धजन अपने भरण-पोषण और देखभाल के लिए संतान या आश्रित पर कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं। साथ ही, यह भी बताया गया कि सरकार द्वारा समय-समय पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन, स्वास्थ्य सेवाएं और विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
शिविरों में आगामी 13 सितंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। अधिकार मित्रों ने बताया कि लोक अदालत एक वैकल्पिक विवाद निवारण प्रणाली है, जहां मुकदमों का निस्तारण आपसी सहमति और सौहार्दपूर्ण तरीके से किया जाता है। यहां न तो लंबी सुनवाई की जरूरत पड़ती है और न ही भारी खर्च आता है। इससे न्याय सभी वर्गों के लिए सरल और सुलभ हो जाता है।
इसके साथ ही लोगों को स्थायी लोक अदालत के महत्व और लाभों से भी अवगत कराया गया। उन्हें बताया गया कि यह मंच विशेष रूप से सार्वजनिक उपयोग की सेवाओं से जुड़े विवादों का त्वरित निपटारा करता है। यह न केवल समय की बचत करता है, बल्कि लोगों को न्याय पाने में भी आसानी होती है।
शिविरों में शामिल हुए कई वरिष्ठ नागरिकों ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की इस पहल की सराहना की। उनका कहना था कि अक्सर जानकारी के अभाव में वे अपने अधिकारों का उपयोग नहीं कर पाते, लेकिन ऐसे कार्यक्रम उन्हें जागरूक बनाते हैं और आत्मविश्वास बढ़ाते हैं।
(Udaipur Kiran) / राजीव मुरारी
