
झज्जर, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । जिला उपायुक्त स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने जिला सचिवालय में गुरुवार को सिंचाई, ग्रामीण विकास, मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों की बैठक ली और जिला में भूमि को से की समस्या से से मुक्त बनाने की दिशा में प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिले की सेमग्रस्त भूमि को किसानों और युवाओं के लिए आय के वैकल्पिक स्रोतों से जोड़ा जाए। इस दिशा में सभी विभाग मिशन मोड में कार्य करें और व्यवहार्य प्रोजेक्ट शीघ्र तैयार करें। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा स्वयं इस विषय को लेकर बेहद गंभीर हैं और विभागों को आपसी सामंजस्य बनाकर ठोस प्रोजेक्ट तैयार करना चाहिए।
डीसी पाटिल ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट के अनुसार झज्जर जिले के 232 गांव सेम की समस्या से प्रभावित रहे हैं। सिंचाई विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 11 गांवों में वर्टिकल ड्रेनेज सिस्टम से यह समस्या पूरी तरह खत्म हो चुकी है। बाकी 221 गांवों में भी सरकार की योजनाओं के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसी सेमग्रस्त भूमि जिसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है उसे चिन्हित कर योजना के साथ जोड़ा जाए। बैठक में चर्चा हुई कि वर्टिकल ड्रेनेज सिस्टम से प्राप्त जल का मत्स्य पालन में उपयोग किया जा सकता है। डीसी ने बताया कि सेमग्रस्त भूमि का जल लवणीय प्रकृति का होता हैए जो विशेषकर झींगा मछली पालन के लिए उपयुक्त है।
उन्होंने विशेष रूप से समस्पुर माजरा गांव में चिह्नित की गई 12 एकड़ सेमग्रस्त भूमि का उदाहरण देते हुए कहा कि इस भूमि पर जल्द से जल्द प्रोजेक्ट तैयार किया जाए। डीसी ने सिंचाई विभागए मत्स्य पालन विभाग और पंचायत विभाग को शीघ्र संयुक्त रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसी जमीनों की पहचान की जाएए जहां मत्स्य पालन विभाग की योजनाओं के तहत युवाओं और किसानों को प्रोत्साहित किया जा सके। बैठक में एडीसी जगनिवास, एसडीएम बहादुरगढ़ नसीब कुमार, एसडीएम बेरी रेणुका नांदल व सीईओ जिला परिषद मनीष फोगाट सहित सभी संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज
