

मुंबई, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अध्यक्ष तुहिन कांता पांडे ने गुरुवार को कहा कि पूंजी बाजार नियामक एक विनियमित मंच पेश कर सकता है, जहां आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने वाली कंपनियां सूचीबद्ध होने से पहले कुछ खुलासे करने के बाद कारोबार कर सकेंगी।
पूंजी बाजार नियामक सेबी के अध्यक्ष तुहिन कांता पांडे ने यहां फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के 22वें वार्षिक पूंजी बाजार सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। सेबी अध्यक्ष ने इस प्रस्ताव को भारत के पूंजी बाजारों को मजबूत बनाने के उद्देश्य से व्यापक सुधारों के एक हिस्से के रूप में रेखांकित किया। तुहिन कांता पांडे ने कहा कि निवेशकों के लिए निवेश का निर्णय लेने के लिए अक्सर लिस्टिंग से पहले की जानकारी पर्याप्त नहीं होती। उन्होंने कहा कि यह पहल पायलट आधार पर होगी। पांडे ने कहा कि नियामक का मानना है कि अंतर्निहित इक्विटी बाजार को मज़बूत बनाने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
सेबी का ये प्रस्ताव ऐसे समय में आया है, जब भारत के पूंजी बाजार तेजी से बढ़ रहा हैं, जिसमें 13 करोड़ विशिष्ट निवेशक और 7 करोड़ म्यूचुअल फंड निवेशक शामिल हैं, जो दुनिया का चौथा सबसे बड़ा प्रतिभूति बाजार बन गया है। प्राथमिक बाजार से धन उगाहने का लक्ष्य वित्त वर्ष 2024-25 में 4.3 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया है, जबकि भविष्य के प्रस्तावों के लिए 1.4 ट्रिलियन रुपये की मजबूत पाइपलाइन की पहचान की गई है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
