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“राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020” पर बीकानेर में राष्ट्रीय कार्यशाला का सफल आयोजन

“राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020” पर बीकानेर में राष्ट्रीय कार्यशाला का सफल आयोजन

बीकानेर, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (ABRSM) एवं स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में आज “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया। कार्यशाला में शिक्षा नीति के विविध पहलुओं, उच्च शिक्षा पर इसके प्रभाव तथा भविष्य की संभावनाओं पर गहन मंथन हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आचार्य रिछपाल सिंह राठौड़ (प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय, जोधपुर एवं महामंत्री, एबीआरएसएम उच्च शिक्षा, राजस्थान) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की वास्तविक स्थिति और विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह नीति भारतीय शिक्षा जगत में एक ऐतिहासिक बदलाव का प्रतीक है। इसमें शिक्षा को केवल डिग्री प्राप्त करने का साधन न मानकर ज्ञान, कौशल, मूल्य एवं संस्कृति से जोड़ने का प्रयास किया गया है।उन्होंने स्पष्ट किया कि यह नीति छात्र-छात्राओं को आत्मनिर्भर, स्वावलंबी तथा वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। उन्होंने यह भी बताया कि यह नीति पूर्ववर्ती मकाले की शिक्षा नीति से कहीं अधिक व्यापक और व्यावहारिक है। जहाँ मकाले की नीति ने भारतीय शिक्षा को पश्चिमी ढर्रे पर ढालने और मात्र नौकरशाही उत्पादन तक सीमित कर दिया था, वहीं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षा को भारतीय मूल्यों, मातृभाषा, अनुसंधान एवं नवाचार से जोड़कर भविष्य के भारत निर्माण की दिशा तय करती है।

विशिष्ट अतिथि आचार्य दिनविजय सिंह (पूर्व प्राचार्य, डूंगर महाविद्यालय, बीकानेर एवं पश्चिम क्षेत्र प्रमुख, एबीआरएसएम उच्च शिक्षा) ने भी एबीआरएसएम की भूमिका और शिक्षा नीति की महत्ता पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 बहुविषयक शिक्षा, कौशल विकास, मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार जैसे क्षेत्रों में एक नया आयाम प्रस्तुत करती है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि यह नीति कृषि विश्वविद्यालयों के लिए भी विशेष महत्व रखती है। इस अवसर पर डॉ. विमला डूकवाल ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया और सभी अतिथियों का अभिनंदन किया।

डॉ. वी.एस. आचार्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

डॉ. मं‍जु राठौड़ ने पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन किया। कार्यशाला में एबीआरएसएम से जुड़े डॉ. विक्रम योगी, डॉ. विजय शंकर आचार्य, डॉ. अशोक कुमार,डॉ. सुशील खारिया सहित विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाइयों के डीन, निदेशकगण, प्राध्यापकगण तथा छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय संस्कृति और मूल्यों के अनुरूप है। यह शिक्षा को न केवल रोजगारपरक बनाती है बल्कि विद्यार्थियों में नवाचार, शोध और नैतिकता का समावेश करती है।कार्यशाला के अंत में यह निष्कर्ष निकला कि यदि नीति का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए तो भारत एक बार फिर से विश्वगुरु बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा।यह कार्यशाला प्रतिभागियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक, मार्गदर्शक और प्रेरणादायी सिद्ध हुई।

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(Udaipur Kiran) / राजीव

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