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शोध संस्थान नेरी में श्रद्धेय ठाकुर रामसिंह काे 15वीं पुण्यतिथि पर किया याद

हमीरपुर, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । ठाकुर रामसिंह इतिहास शोध संस्थान नेरी में संस्थान के संस्थापक श्रद्धेय ठाकुर रामसिंह की 15वीं पुण्यतिथि पर वीरवार काे श्रद्धांजलि स्वरूप हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक मंडल, कार्यकर्ता, स्थानीय नागरिक एवं गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

हवन यज्ञ के उपरांत शोध संस्थान के अध्यक्ष प्रो. भाग चंद चाैहान ने ठाकुर रामसिंह को स्मरण करते हुए कहा कि वे उन विरले महापुरुषों में से एक थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र कार्य को समर्पित कर दिया। उनका जन्म हमीरपुर जिले के भोरंज क्षेत्र में हुआ था, लेकिन उन्होंने राष्ट्र निर्माण के लिए जीवन पर्यंत कार्य किया।

प्रो. चाैहान ने बताया कि राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ से ठाकुर रामसिंह का जुड़ाव बलराज मधोक के माध्यम से हुआ और उन्होंने लगभग 22 वर्षों तक असम क्षेत्र में प्रांत प्रचारक के रूप में कार्य किया। वे मोरोपंत पिंगले जैसे महान विचारकों के साथ मिलकर भारत के इतिहास लेखन को सही दिशा देने में अग्रणी रहे। उनके नेतृत्व में इतिहास की विकृतियों को ठीक करने का कार्य प्रारंभ हुआ।

अपने जीवन के अंतिम वर्षों में ठाकुर रामसिंह ने इतिहास पर तथ्यात्मक शोध कार्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2002 में नेरी गांव (हमीरपुर) में ठाकुर रामसिंह इतिहास शोध संस्थान की स्थापना की। आज यह संस्थान उनके सपनों को साकार कर रहा है और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है।

संस्थान के महासचिव भूमिदत्त शर्मा ने ठाकुरजी के सादा जीवन और उच्च विचारों को आज के समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत बताया। वहीं, संस्थान के निदेशक डॉ. चेतराम गर्ग ने ठाकुरजी के साथ बिताए पलों को साझा करते हुए उन्हें एक सच्चे राष्ट्र पुरुष की संज्ञा दी और कहा कि उनके विचार आज भी समाज को मार्गदर्शन दे रहे हैं।

इस अवसर पर उपस्थित सदस्यों ने भी ठाकुर रामसिंह के साथ बिताए समय के अनुभव साझा किए।

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(Udaipur Kiran) शुक्ला

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