Uttrakhand

गजब सरकार, टपकती छत के नीचे आखर ज्ञान काे मजबूर नाैनिहाल

रुद्रप्रयाग, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । जनपद रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि ब्लाॅक के राजकीय इंटर कॉलेज पठालीधार में कक्षा-कक्षों की हालत दयनीय बनी है। जूनियर स्तर पर कक्षा 6 से 8वीं तक के छात्र-छात्रायें टपकती छत के नीचे आखर ज्ञान के लिए मजबूर हैं। वहीं, विद्यालय का प्रार्थना स्थल भी धस रहा है।

जीआईसी पठालीधार में सिल्ला, रायड़ी, कोटी, सिनघाटा, पठालीधार, कोड़ी-अदूली और डांगी गांव के 183 छात्र-छात्रायें अध्ययनरत हैं। हैरत यह है कि हाईस्कूल से इंटर स्तर पर उच्चीकरण के 12 वर्ष बाद भी विद्यालय को अपना भवन नहीं मिल पाया है। आज भी विद्यालय का मुख्य भवन तीन कक्षा-कक्षों वाला है। वहीं, जिला योजना, विधायक निधि और अन्य मदों में समय-समय पर बने एक, दो कक्षों के सहारे यहां कक्षाओं का संचालन हो रहा है। इन कक्षा-कक्षों की हालत काफी दयनीय है। इन दिनों हो रही बरसात से कक्षा-कक्षों की छत टपक रही है। कक्षा के अंदर टपकते पानी से बचने के लिए बाल्टियां और अन्य वर्तन लगाये गये हैं।

बरसाती पानी टपकने से छत का अंदर की तरफ से सिमेंट झड़ रहा है, जिससे निरंतर खतरा बना है। वहीं, कक्षा-कक्षों में खिडक़ी और दरवाजों से भी पानी अंदर पहुंच रहा है। दीवारें सीलन से भरी पड़ी हैं। इन हालातों नौनिहाल कैसे पढ़ाये कर रहे होंगे, अंदाजा लगाया जा सकता है। विद्यालय प्रबंधन की मानें तो वर्तमान में जितने पुराने कक्ष हैं, सभी की हालत दयनीय है। भले ही यहां नये कक्षा-कक्षों का भी निर्माण हो रहा है। लेकिन संपूर्ण विद्यालय भवन की स्वीकृति नहीं मिलने से कई समस्यायें हो रही हैं।

विद्यालय का प्रार्थना स्थल भी धंस रहा है, जिससे कभी भी बड़ी अनहोनी हो सकती है। जीआईसी पठालीधार में चारदीवारी भी नहीं है। पीटीए अध्यक्ष नरेंद्र सिंह रावत, एसएमसी अध्यक्ष रजनी देवी, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य सावन नेगी, सामाजिक कार्यकर्ता राकेश नौटियाल का कहना है कि शासन-प्रशासन को कई बार अवगत कराने पर भी सुध नहीं ली जा रही है। कक्षा-कक्षों की जर्जर हालत से कभी भी कोई हादसा हो सकता है। बता दें कि वर्ष 2004 में पठालीधार में राजकीय हाईस्कूल का संचालन हुआ।

भवन के अभाव में सीमित कक्षा-कक्षों के सहारे यहां 6 से 10वीं तक कक्षाओं का संचालन शुरू किया गया। 2012 में विद्यालय को अपना भवन तो मिला पर उसमें सिर्फ तीन कक्षा-कक्ष थे। साथ ही एक प्रधानाध्यापक कक्ष और एक प्रशासनिक कार्यलय कक्ष था। वहीं, 2013 में विद्यालय को इंटरमीडिएट स्तर पर उच्चीकृत किया गया, लेकिन 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी इंटर स्तर का भवन स्वीकृत नहीं हो पाया है। इन हालाताें में मीड-डे-मील सीढिय़ों के नीचे बनाया जाता है। पीटीए अध्यक्ष नरेंद्र सिंह रावत का कहना है कि विभाग को कई बार कीचन निर्माण के लिए कहा गया, पर स्थिति जस की तस है। इधर, मुख्य शिक्षाधिकारी प्रमेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि जीआईसी पठालीधार में चार नये कक्षा-कक्ष और दो प्रयोगशाला कक्षों का निर्माण किया जा रहा है। जैसे ही यह कक्ष बनकर तैयार हो जाएंगे, जर्जर कक्षा-कक्षों को ध्वस्त किया जाएगा। विद्यालय के प्रार्थना स्थल के धंसाव के बारे में विद्यालय से जानकारी मांगी गई है, उसके बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी।

(Udaipur Kiran) / दीप्ति

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