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‘खेलो इंडिया वॉटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल 2025’ में उतरेगा देश का युवा जोश, मप्र के खिलाड़ी भी ले रहे भाग

मध्यप्रदेश के खिलाड़ी दो खेलों रोइंग और क्याकिंग-केनोइंग में राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे

डल झील बनेगी रोमांच और खेल का संगम

भोपाल, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर की शान मानी जाने वाली डल झील अगले तीन दिनों तक खेल और उत्सव के रंगों में रंगी रहेगी। इस ऐतिहासिक और खूबसूरत झील में आज गुरुवार से शुरू हुआ पहला “खेलो इंडिया वॉटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल-2025” न केवल खिलाड़ियों के हुनर की परीक्षा है, बल्कि जल क्रीड़ाओं को नई पहचान देने का भी प्रयास है। तीन दिवसीय इस आयोजन में देश के कोने-कोने से आए करीब 400 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। रोइंग, क्याकिंग-केनोइंग, वॉटर स्कीइंग, ड्रैगन बोट रेस और शिकारा स्प्रिंट जैसी स्पर्धाएं झील की लहरों पर खिलाड़ियों की ताकत और संतुलन की कहानी लिखेंगी। शिकारा स्प्रिंट को डेमो खेल के रूप में रखा गया है, जो कश्मीर की सांस्कृतिक पहचान को खेल के मंच पर भी प्रदर्शित करेगा।

मध्य प्रदेश का 54 सदस्यीय दल शामिल

इस आयोजन में मध्य प्रदेश का 54 सदस्यीय दल भी शामिल है, जिसमें 44 खिलाड़ी और 10 सहयोगी स्टाफ हैं। प्रदेश के खिलाड़ी इस राष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण प्रतियोगिता में रोइंग और क्याकिंग-केनोइंग स्पर्धाओं में राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। दल का नेतृत्व वॉटर स्पोर्ट्स रोइंग अकादमी के मुख्य प्रशिक्षक दलबीर सिंह कर रहे हैं। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने मप्र के खिलाड़ियों को लेकर कहा है कि उन्‍हें उम्मीद है कि खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन कर प्रदेश का गौरव बढ़ाएँगे।

खेल और पर्यटन का अनोखा संगम

डल झील का नाम सुनते ही पर्यटकों की आंखों के सामने शिकारे और हाउसबोट की तस्वीर उभर आती है। झील की यही पहचान अब खेलों के नए इतिहास से जुड़ रही है। इस आयोजन से जहां खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं जैसा अनुभव मिलेगा, वहीं पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा। आयोजकों का कहना है कि झील का शांत और आकर्षक वातावरण खिलाड़ियों को प्रेरित करेगा और दर्शकों के लिए यह खेल किसी उत्सव से कम नहीं होगा।

पांच खेलों की स्पर्धाएं, डेमो खेल भी शामिल

इस फेस्टिवल में कुल 5 खेलों का आयोजन किया जा रहा है। इनमें रोइंग, क्याकिंग-केनोइंग (पदकीय स्पर्धा), वॉटर स्कीइंग, ड्रैगन बोट रेस और शिकारा स्प्रिंट (डेमो खेल) शामिल हैं। आयोजन में देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। डल झील की प्राकृतिक खूबसूरती और पर्यावरणीय महत्व को देखते हुए इस आयोजन को पर्यटन और खेलों का संगम माना जा रहा है। आयोजन समिति का मानना है कि इससे न केवल जल क्रीड़ाओं को नई पहचान मिलेगी बल्कि स्थानीय स्तर पर भी खेल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।

नए सपनों की उड़ान

उल्‍लेखनीय है कि ‘खेलो इंडिया वॉटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल-2025’ केवल एक प्रतियोगिता नहीं है, यह उन युवा खिलाड़ियों के लिए मंच है जो मेहनत और समर्पण से अपने भविष्य को आकार दे रहे हैं। झील पर हर चप्पू का स्ट्रोक, हर नाव की रफ्तार और हर खिलाड़ी का संतुलन इस बात की गवाही देगा कि भारत में जल क्रीड़ाओं का भविष्य उज्ज्वल है।

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(Udaipur Kiran) / डॉ. मयंक चतुर्वेदी

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